CBSE 10वीं की परीक्षा रद्द होने का छात्रों पर असर:11वीं में सब्जेक्ट सिलेक्शन का आधार अभी तय नहीं

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(www.arya-tv.com)देश में कोरोना के लगातार बढ़ते मामलों के बीच सरकार ने CBSE की 10वीं की परीक्षाएं रद्द कर दी हैं। ये परीक्षाएं 4 मई से शुरू होनी थीं। इसके अलावा 12वीं की परीक्षाएं फिलहाल टाल दी गई हैं। इस पर सरकार 1 जून को फैसला करेगी।

यह फैसला प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की हाई लेवल मीटिंग के बाद लिया गया। बैठक में प्रधानमंत्री ने कहा कि छात्रों की भलाई सरकार के लिए प्राथमिकता पर होनी चाहिए। केंद्र सरकार छात्रों के हितों का ध्यान रखेगी और यह तय करेगी कि उनके स्वास्थ्य का ख्याल रखा जाए।

परीक्षा रद्द होने के बाद 10वीं के स्टूडेंट्स के मन में कई तरह के सवाल आ रहे हैं। इस फैसले का उन पर क्या असर होगा? क्या अगली क्लास में प्रमोट किए जाने के कुछ नुकसान भी हैं। एक्सपर्ट की मदद से इन सवालों के जवाब जानते हैं।

11वीं में स्ट्रीम किस आधार पर चुनेंगे?
एक्टपर्ट ध्रूव बैनर्जी के मुताबिक, देशभर के ज्यादातर स्कूलों में ऑनलाइन या ऑफलाइन मोड में प्री-बोर्ड एग्जाम हो चुके हैं। ऐसे में स्टूडेंट्स प्री-बोर्ड में मिले मार्क्स के आधार पर अपनी स्ट्रीम का चुनाव कर सकते हैं। इसके अलावा स्टूडेंट्स अपनी रुचि के आधार पर भी 11वीं में सब्जेक्ट चुन सकते हैं। इसलिए मार्क्स के साथ ही बच्चों की पसंद का भी सब्जेक्ट सिलेक्शन में अहम रोल हो सकता है। साथ ही सब्जेक्ट चुनते समय अपने लक्ष्य के बारे में भी ध्यान रखें। किसी की देखादेखी कर सब्जेक्ट न चुनें।

स्टूडेंट्स को शिक्षकों के फेवरेटिज्म का कितना खतरा?
10वीं की परीक्षा रद्द होने बाद अब हो सकता है कि स्टूडेंट्स का रिजल्ट इंटरनल के आधार पर जारी किया जाए। हालांकि, अभी बोर्ड की तरफ से रिजल्ट के क्राइटेरिया के बारे में ज्यादा जानकारी नहीं दी गई है। ऐसे में अगर स्टूडेंट्स को इंटरनल के आधार पर मार्क्स दिए जाते हैं, तो इसमें शिक्षकों के फेवरेटिज्म (पक्षपात) का खतरा कम होगा, क्योंकि यह जरूरी नहीं कि सभी शिक्षक बायस्ड हों।

क्या इंटरनल एग्जाम में फेल हुआ छात्र जनरल प्रमोशन में पास होगा?
फिलहाल 10वीं के रिजल्ट को लेकर बोर्ड की तरफ से किसी क्राइटेरिया के बारे में कोई जानकारी नहीं दी गई है। इस बारे में बोर्ड के एग्जाम कंट्रोलर संयम भारद्वाज ने बताया कि रिजल्ट के लिए क्राइटेरिया तय होने के बाद इसकी जानकारी साझा की जाएगी। हालांकि, इस क्राइटेरिया के तहत तैयार किए गए रिजल्ट से नाखुश स्टूडेंट्स बोर्ड की ओर से बाद में कराई जाने जाने वाली परीक्षा में शामिल हो सकते हैं।