सीबीआइ ने माना महंत नरेंद्र गिरि की ​थी आत्महत्या, कत्ल के कोई साबूत नहीं

Prayagraj Zone

(www.arya-tv.com) अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद के पूर्व अध्यक्ष महंत नरेंद्र गिरि को साजिशन कत्ल नहीं किाया गया था बल्कि उन्होंने आत्महत्या की थी। देश की सबसे बड़ी जांच एजेंसी सीबीआइ की जांच में यह अब साफ हो चुका है। शनिवार को कोर्ट में दाखिल किए गए 19 पेज के आरोप पत्र से यही पता चल रहा है।

घटना के बाद सीबीआइ की दिल्ली टीम पिछले दो माह से पूरे मामले की छानबीन कर रही थी, लेकिन इस दौरान महंत की हत्या के बिंदु पर कोई साक्ष्य नहीं मिल सका। अलबत्ता आत्महत्या से पूर्व महंत की ओर से बनाया गया वीडियो और उनके सुसाइड नोट को खुदकशी का सबसे बड़ा आधार बनाया गया है।

पुलिस सूत्रों का कहना है कि जांच के दौरान मठ, मंदिर और महंत से जुड़े तमाम लोगों के बयान दर्ज किए गए थे। इस दौरान उन्होंने महंत की किसी भी शख्स से दुश्मनी होने की जानकारी नहीं दी। शुरुआती जांच, पूछताछ में आत्महत्या से संबंधित साक्ष्य ही मिले। 20 सितंबर को श्रीमठ बाघम्बरी गद्दी के अतिथि कक्ष में महंत नरेंद्र गिरि की संदिग्ध दशा में मृत्यु हुई थी। तमाम संत से लेकर दूसरे लोगों ने महंत की हत्या किए जाने की आशंका जताई थी। साथ ही कमरे में चलता पंखा, रस्सी के तीन टुकड़े के मिलने का वीडियो वायरल होना भी हत्या के बिंदु पर बल दे रहा था।

मुख्य आराेपित आनंद गिरि ने भी एक साजिश के तहत महंत की हत्या किए जाने का आरोप लगाते कहा था कि बड़ी जांच एजेंसी इसका पर्दाफाश करेगी। ऐसे और भी कई वजह रहीं, जिनके दृष्टिगत मामले की जांच सीबीआइ को ट्रांसफर की गई थी। बहरहाल अब अब यह कहा जा रहा है कि अभियुक्त आनंद गिरि समेत तीनों आरोपितों के विरुद्ध सीबीआइ को अहम साक्ष्य मिले हैं, जिसे वह कोर्ट में साबित करेगी।