सावधान! पूरे विश्व में तीन गुना बढ़ा ‘खसरा’ का खतरा

Health /Sanitation

भारत में इस बीमारी का खतरा अभी भी बना हुआ है। हाल ही में जारी वैश्विक चेचक और रूबेला रिपोर्ट बताती है कि भारत में साल 2018 में 56,399 चेचक के मामले और 1,066 रूबेला के मामले दर्ज हुए हैं। जहां श्रीलंका ने इन दोनों ही बीमारियों के वायरस को पूरी तरह से खत्म कर दिया है, वहीं भारत में बच्चों में दोनों ही बीमारियों का खतरा बरकरार है। दरअसल, ये दोनों ही बीमारियां फैलने वाली बीमारियां हैं। टीके के बावजूद खसरा का खतरा दुनियाभर में तीन गुना बढ़ गया है।
विश्व स्वास्थ्य संगठन के मुताबिक पिछले साल से तुलना करें तो इस साल अब तक 7 महीने में ही मीजल्स के मामले 3 गुना बढ़ गए हैं। विश्व स्वास्थ्य संगठन के आंकड़ों के मुताबिक वर्ष 2019 के शुरुआती 7 महीने में ही दुनियाभर में खसरा के 3 लाख 64 हजार 808 मामले सामने आ चुके हैं जबकि पिछले साल यानी साल 2018 में इस समय तक सिर्फ 1 लाख 29 हजार 239 मामले ही सामने आए थे।
विश्व स्वास्थ्य संगठन के प्रवक्ता क्रिस्चियन लिंडमेयर के अनुसार वर्ष 2006 के बाद से खसरा के ये पंजीकृत मामले सबसे ज्यादा हैं। ये आंकड़े इसलिए भी चौंकाने वाले हैं क्योंकि दुनियाभर में सिर्फ 10 में 1 केस ही रिपोर्ट होता है और बाकी के मामले रिपोर्ट भी नहीं होते।
विश्व स्वास्थ्य संगठन के मुताबिक, खसरा संक्रमित व्यक्तियों के खांसी या छींक के साथ निकलने वाली बूंदों के हवा में फैलने व दूसरे व्यक्ति के इसके संपर्क में आने से फैलता है। इस रोग के शुरूआती लक्षण 10 से 12 दिनों बाद ही दिखाई देते हैं। हालांकि खसरा को रोकने के लिए 2 डोज वैक्सीन और टीके उपलब्ध हैं लेकिन विश्व स्वास्थ्य संगठन ने बताया कि पिछले कुछ महीनों में टीकाकरण दर में तेजी से कमी देखने को मिल रही है।