शादी के 18 साल बाद नहीं हुई बहन के कोई औलाद, गोद भरने के लिए भाई ने उठाया ये खौफनाक कदम

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(www.arya-tv.com) उत्तर प्रदेश के कानपुर में मासूम बच्चे के अपहरण के बाद जब पुलिस ने मामले का खुलासा किया तो अपहरणकर्ताओं ने जो वजह बताई उसे जान कर आप हैरान रह जाएंगे. एक भाई ने दो साल के बच्चे का अपहरण इसलिए किया, क्योंकि उसकी बहन बेऔलाद थी. शादी के करीब 18 साल हो जाने के बाद भी कोई बच्चा न होने के चलते आरोपी की बहन परेशान रहती थी. परेशान बहन को देखकर भाई ने ऐसा काम किया जिसने उसे अब सलाखों के पीछे पहुंचा दिया.

अपनी बहन को औलाद देने के लिए भाई ने एक 2 साल के बच्चे का दिनदहाड़े अपहरण कर लिया, लेकिन पुलिस ने आखिर उन्हें ट्रेस कर खोज निकाला. पर पुलिस को देख अपहरणकर्ताओं ने पुलिस पर ही फायरिंग कर दी, जिसके बाद पुलिस की तरफ से जवाबी कार्यवाही में दोनों को गोली लगी और पुलिस ने उन्हें दबोच लिया. जिसके बाद पुलिस ने बच्चे को सकुशल बरामद कर लिया गया.

मुठभेड़ के बाद आरोपी गिरफ्तार 

मामला बीती 24 फरवरी का है, फीलखाना थाना क्षेत्र स्थित फूलबाग सब्जी मंडी में छोटू नाम का व्यक्ति फलों का ठेला लगाता है और पास ही वह परिवार के साथ रहता भी है. 24 फरवरी को शाम करीब साढ़े 4 बजे छोटू का दो साल का बेटा कार्तिक घर के बाहर मोहल्ले के अन्य बच्चों के साथ खेल रहा था. इसी बीच बाइक सवार दो अज्ञात लोग वहां आए और मौका देख कार्तिक को उठाकर ले गए थे. खोजबीन के बाद जब घर वालों को बच्चा नहीं मिला तो बच्चे की मां गुड्डी देवी ने फीलखाना थाना में शिकायत की.

पुलिस ने अपहरण की धाराओं में मुकदमा दर्ज कर छानबीन शुरू की तो आसपास के सीसीटीवी फुटेज चेक किए. पुलिस को एक फुटेज में दो बाइक सवार बच्चे को ले जाते हुए दिखे. जिसके बाद पुलिस ने बच्चे की बरामदगी के लिए कई टीम लगा दी. इसके साथ ही पुलिस ने अपना मुखबिर तंत्र भी सक्रिय कर दिया. पुलिस ने सौ से अधिक सीसीटीवी फुटेज खंगालने के बाद बाइक का नंबर हासिल किया फिर रविवार (3 मार्च) रात अपहरणकर्ताओं को मुठभेड़ के बाद गिरफ्तार कर लिया.

आरोपियों ने की पुलिस पर फायरिंग 

रविवार को मामले का खुलासा करते हुए डीसीपी क्राइम आशीष श्रीवास्तव ने बताया कि कई सीसीटीवी फुटेज चेक करने के बाद एक फुटेज में बाइक सवार बच्चे को ले जाते हुए साफ दिखे, जिसमें बाइक का नंबर भी साफ आ गया. बाइक के नंबर के माध्यम से पुलिस टीम बाइक मालिक तक पहुंच गई.

रविवार रात जब पुलिस ने उन्हें पकड़ने की कोशिश की तो भगवतदास घाट के पास अपहरणकर्ताओं ने पुलिस टीम पर ही फायरिंग कर दी. पुलिस की जवाबी फायरिंग में दोनों बदमाशों के पैर में गोली लगी है. घायलों का उपचार जिला अस्पताल में चल रहा है. पुलिस की पूछताछ में आरोपियों ने अपने नाम रज्जन और पंकज बताया.

आरोपी ने पूछताछ में किया चौंकाने वाला खुलासा 

पुलिस पूछताछ में रज्जन ने बताया कि उसकी बहन की शादी 18 सालो पहले हुई थी, लेकिन तब से उसे एक भी संतान नहीं हुई. जिसकी वजह से ससुराल वाले बहन को ताने मारते थे. बहन लगातार परेशान रहती थी. बहन कई बार पिता से और मायके में बच्चा गोद लेने के लिए कह चुकी थी पर बच्चा नहीं मिला. जिसके बाद मैंने अपने दोस्त पंकज गुप्ता के साथ बहन के लिए बच्चे की तलाश शुरू कर दी.

बच्चे की तलाश में दोनों ने रेलवे स्टेशन और बस स्टैंड समेत कई जगहों पर भी तलाश की, लेकिन कुछ हाथ नहीं आया. बीते 24 फरवरी को फूलबाग सब्जी मंडी के पास कई बच्चे खेल रहे थे. एक छोटा बच्चा दिखा, उसके आसपास कोई बड़ा व्यक्ति मौजूद नहीं था, तो मौका देखकर बच्चे को बाइक से उठाकर भाग गए.

दोनों बच्चा ले तो आए लेकिन जब बच्चा उनसे नहीं संभल सका तो रज्जन ने अपनी छोटी बहन नीतू के पास बच्चे को दे दिया. फिर रज्जन ,पंकज और नीतू तीनों बच्चा लेकर अपनी बड़ी बहन के पास पहुंचे. रज्जन ने अपनी बड़ी बहन को बताया कि फतेहपुर में रहने वाली महिला सीमा से साढ़े चार लाख में बच्चा खरीदा है. बहन को विश्वास दिलाने के लिए सीमा देवी के नाम से एक फर्जी सपथ पत्र भी बनवाया था. रज्जन और पंकज ने बच्चे के नाम बड़ी बहन से आधे पैसे भी वसूल लिए थे.

रविवार रात को जब पुलिस टीम अपहरणकर्ताओं के पास पहुंची तो ,इस वक्त रज्जन की बड़ी बहन जो बीमार होने के चलते अस्पताल में थी. वहीं बच्चा भी था, जिसे पुलिस ने मुठभेड़ के बाद रज्जन और पंकज से पूछताछ के बाद बरामद कर लिया. पुलिस ने मामले में रज्जन ,पंकज और रज्जन की छोटी बहन नीतू को गिरफ्तार कर लिया है और जेल भेज दिया है. वहीं बच्चे कार्तिक के परिवार के लोग अपना बच्चा पाकर खुश है और पुलिस का आभार व्यक्त कर रहे हैं.