रानी मुखर्जी को स्टार बनाने के पीछ था निर्माता प्रदीप सरकार का हाथ, अचानक निधन से सदमें में हैं एक्ट्रेस

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(www.arya-tv.com) मुंबई। फिल्म निर्माता प्रदीप सरकार का 68 वर्ष की आयु में 24 मार्च को सुबह 3.30 बजे निधन हो गया। लोकप्रिय फिल्म निर्माता को परिणीता, लगा चुनरी में दाग, मर्दानी और हेलीकॉप्टर ईला जैसी हिट फिल्मों के निर्देशन के लिए जाना जाता है। रिपोर्ट्स की मानें तो प्रदीप सरकार डायलिसिस पर थे और उनका पोटैशियम लेवल काफी गिर गया था। अस्पताल में उनका निधन हो गया, जहां उन्हें तड़के तीन बजे ले जाया गया। फिल्म निर्माता प्रदीप सरकार की रानी मुखर्जी से एक खास बॉन्ड रहा है। प्रदीप की सभी सुपरहिट फिल्मों में  रानी मुखर्जी ने लीड रोल प्ले किया हैं। ऐसे में रानी मुखर्जी भी अचानक से निर्माता प्रदीप सरकार की मौत ने सदमें में है। उन्होंने अपनी प्रतिक्रिया दी है।

बॉलीवुड अभिनेत्री रानी मुखर्जी ने कहा कि निर्देशक प्रदीप सरकार का दुनिया से चले जाना उनके लिए एक झटका है। “लागा चुनरी में दाग” और “मर्दानी” फिल्म में सरकार के साथ काम कर चुकीं रानी मुखर्जी के मुताबिक, उन्होंने जल्द ही सरकार से मिलने की योजना बनाई थी, लेकिन नियति को कुछ और ही मंजूर था। वर्ष 2005 में फिल्म “परिणीता” के निर्देशन के लिए मशहूर सरकार का यहां उपनगर बांद्रा में स्थित लीलावती अस्पताल में निधन हो गया। उनकी पत्नी पांचाली ने यह जानकारी दी। सरकार 67 वर्ष के थे। मुखर्जी ने कहा कि कुछ दिन पहले ही उनकी सरकार से बात हुई थी और सरकार ने आगामी फिल्म “मिसेज चटर्जी वर्सेस नॉर्वे” के लिए उन्हें शुभकामनाएं दी थीं।

रानी मुखर्जी (45) ने एक बयान में कहा, “दादा के निधन की खबर सुनकर स्तब्ध हूं। कुछ दिन पहले जब मैं अमृतसर में स्थित स्वर्ण मंदिर गई थी तो उन्होंने मुझे फोन कर मेरी फिल्म के बारे में बात की थी। हमने काफी देर तक बात की। वह वीडियो कॉल करना चाहते थे, लेकिन उस दिन नेटवर्क ठीक नहीं था, लिहाजा मैं उनसे वीडियो कॉल नहीं कर पाई।” अभिनेत्री ने कहा, “मेरे वापस आने के बाद हम इस सप्ताह मिलने की योजना बना रहे थे, लेकिन ऐसा नहीं हो सका। यह वास्तव में दुखद और चौंकाने वाला है कि दादा अब इस दुनिया में नहीं हैं।”

मुखर्जी ने कहा कि सरकार का निधन उनके परिवार और फिल्म जगत के लिए अपूरणीय क्षति है। अभिनेत्री ने कहा, “वह पिछले कुछ दिन से शूटिंग भी कर रहे थे, इसलिए मैं हैरान हूं कि कुछ ही घंटों में यह सब कैसे हो गया। मुझे यकीन है कि दादा को जानने वाला हर व्यक्ति उनके दुनिया से चले जाने के बाद, उनकी कमी को उतनी ही गहराई से महसूस करेगा, जितना मैं महसूस कर रही हूं।” मुखर्जी ने कहा कि उनका साथ बहुत अच्छा रहा, हमने वर्षों तक एक साथ काफी काम किया, इसलिए यह सचमुच परिवार के किसी सदस्य को खोने जैसा है।