मडेसिविर की ब्लैक मार्केटिंग, कोविड अस्पताल से चुराकर महंगे दाम पर बेच रहे

Health /Sanitation Lucknow

(www.arya-tv.com)राजधानी लखनऊ में जब रेमडिसिवर इंजेक्शन की एक एक वायल के लिए हाहाकार मचा था तब केजीएमयू के कोविड मरीजों के हिस्से का इंजेक्शन ब्लैक मार्केट में बेचा जा रहा था। इसे कोई और नहीं केजीएमयू के ही संविदा कर्मी डायलिसिस और क्रिटीकल केअर डिपार्टमेंट के टेक्नीशियन बेंच रहे थे। सरकार की सख्ती के बाद केजीएमयू प्रशासन ने छानबीन की तो मामला सामने आया। केजीएमयू प्रशासन ने दो आरोपी कर्मचारियों के खिलाफ वजीरगंज थाने में रिपोर्ट दर्ज कराया है।

केजीएमयू के चीफ प्रॉक्टर क्षितिज की ओर से एफआईआर दर्ज करवाई गई है। इसमे बताया गया है कि आईसीयू डायलिसिस यूनिट के टेक्नीशियन सौरभ सिंह की ड्यूटी कोविड अस्पताल में थी। अपनी शिफ्ट में वह वार्ड के बाकी कर्मचारियों की नजरों से बचकर रेमडिसिवर इंजेक्शन चुराता था।

इसके बाद ड्यूटी से छूटने के बाद उसे क्रिटीकल केयर यूनिट के टेक्नीशियन दीपांशु को देता था। दीपांशु पहले से खरीदने के लिए तैयार कोविड मरीजो के तीमारदारों को यह इंजेक्शन दस गुना से भी ज्यादा दाम पर बेच देता था। इनसे बाद दोनों रुपये आपस मे बांट लेते थे।

लिंब सेंटर के पास ग्राहकों को देते थे डिलीवरी

वजीरगंज पुलिस का कहना है कि फिलहाल केजीएमयू की ओर से दी गयी तहरीर पर मुकदमा दर्ज किया गया है। केजीएमयू की ओर से केवल 15 इंजेक्शन बेचे जाने का दावा किया जा रहा है। लेकिन आशंका है कि बड़े पैमाने पर रेमडिसिवर की कालाबाजारी हो रही थी।

इसमें केजीएमयू के बड़े पदों पर बैठे लोगों के भी मिलीभगत होने का शक है। उन्होंने बताया कि आरोपियों ने इंजेक्शन बेचने का अड्डा बना रखा था। वह ग्राहकों को डिलीवरी के लिए रिवरफ्रंट कॉलोनी और हड्डी रोग विभाग के लिंब सेंटर बिल्डिंग के आसपास बुलाते थे।