आगरा में निगम की लापरवाही से जन्म-मृत्यु का डाटा क्रैश, अब दोबारा बनवाने होंगे प्रमाण पत्र

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(www.arya-tv.com)  आगरा नगर निगम ने हजारों माता-पिता की परेशानी बढ़ा दी है। साल 2011 से 2016 तक जन्म-मृत्यु प्रमाण पत्र का डाटा डिलीट हो गया है। इससे अब छह साल के बीच के जन्म व मृत्यु प्रमाण पत्र बनवाने या सत्यापन करवाने वालों को परेशानी होगी। नगर निगम किसी भी प्रमाण पत्र का सत्यापन नहीं कर पाएगा। अब लोगों को दोबारा से प्रमाण पत्र बनवाने होंगे।

ढाई लाख लोग परेशान

जन्म मृत्यु प्रमाण पत्र की ऑनलाइन व्यवस्था सबसे पहले आगरा में हुई थी। शासन ने लखनऊ स्तर पर इंटीग्रेटेड व्यवस्था लागू कर दी। आगरा नगर निगम की ओर से अपना डाटा उपलब्ध कराया था। मगर,साल 2011 से 2016 का डाटा क्रेस हो गया। इससे पहले मैन्युअल व्यवस्था थी। डाटा क्रैस होने से करीब ढाई लाख लोगों की परेशानी बढ़ गई है। जन्म मृत्यु प्रमाण पत्र में करेक्शन करवाने या सत्यापन का काम नहीं हो पा रहा है। प्रमाण पत्र साइट पर उपलब्ध नहीं है।

दोबारा करना होगा आवेदन

वर्ष 2011 से 2016 के बीच के प्रमाण पत्रों में करेक्शन या सत्यापन के लिए अब लोगों को दोबारा से आवेदन करना होगा। आवेदन करने के बाद मैन्युअल रिकॉर्ड के आधार पर प्रमाण पत्र दोबारा बनाए जाएंगे। नगर आयुक्त का कहना है कि डाटा रिकवर करने का प्रयास किया जा रहा है। लोगों को परेशानी न हो, इसके लिए प्रक्रिया को सरल बनाने का प्रयास है।

नगर निगम की लापरवाही

छह साल का डाटा क्रैस होने पर पार्षदों ने नाराजगी जताई है। पार्षद संजय राय का कहना है कि नगर निगम को डाटा का बैकअप रखना चाहिए था। लाखों लोगों का रिकॉर्ड न होने से जनता को परेशानी होगी। इसके लिए नगर निगम की लापरवाही है। वहीं, पार्षद प्रकाश केसवानी का कहना है कि जन्म मृत्यु प्रमाण पत्र का रिकॉर्ड बहुत महत्वपूर्ण है। ऐसे में इसका बैकअप न लेना बड़ी लापरवाही है।