किसान आंदोलन से यूपी के कांच उद्योग को बड़ा झटका, व्यापारियों का माल रास्ते में अटका

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(www.Arya Tv .Com) फिरोजाबाद: एक तरफ किसान अपनी मांगों को लेकर दिल्ली कूच कर रहे हैं, तो दूसरी तरफ इसका असर यूपी के कांच उद्योग पर देखने को मिल रहा है. कांच की नगरी के नाम से मशहूर शहर फिरोजाबाद में उद्योगपतियों को किसान आंदोलन की वजह से बड़े नुकसान का अनुमान है. जिसके कारण फैक्ट्रियों में भी माल की तैयारी धीमी हो गई है और ऑर्डर पर तैयार हुए माल की सप्लाई भी अटकी हुई है. वही कुछ ऑर्डर भी इस आंदोलन की वजह से कैंसिल करने पड़ रहे हैं.

फिरोजाबाद के इंडस्ट्रीज स्टेट कॉपरेटिव सोसाइटी के अध्यक्ष विन्नी मित्तल ने बताया कि यूपी में फिरोजाबाद शहर इकलौता कांच उत्पादन करता है. यहां की फैक्ट्रियों में देश-विदेश से मिलने वाले ऑर्डर पर माल तैयार किया जाता है और ट्रांसपोर्ट के ज़रिए भेजा जाता है. पंजाब, हरियाणा समेत देश के हर कोने में माल की सप्लाई की जाती है. लेकिन अभी चल रहे किसान आंदोलन की वजह से कांच उद्योग पर काफ़ी असर दिखाई दे रहा है. यहां से ऑर्डर पर तैयार माल को भेजा जाना है, लेकिन यातायात बाधित होने के कारण माल की सप्लाई ठीक से नहीं हो पा रही है. वहीं जो ऑर्डर मिलने वाले थे वो ट्रांसपोर्ट के जरिए नहीं भेजे जा रहे हैं.

ऑर्डर भी हो रहे कैंसल

उन्होंने बताया कि फिरोजाबाद कांच उद्योग का साल का 2000 करोड़ का टर्न ओवर है. त्यौहारों पर माल की डिमांड ज्यादा रहती है, लेकिन अभी ऑर्डर पर भेजा गया माल रास्ते में अटका हुआ है. वहीं ज्यादा जरूरी माल को रास्ते बदल बदल कर भेजा जा रहा है. जिससे भाड़े का खर्चा अधिक आ रहा है. वहीं उन्होंने कहा की कच्चे माल को भी पश्चिमी क्षेत्रों से मंगाया जाता है.

कांच उद्योग को होगा बड़ा नुकसान

कॉपरेटिव सोसाइटी के अध्यक्ष ने बताया कि किसान आंदोलन के कारण रॉ मटेरियल आने में दिक्कतें आ रही है. अब अगर किसी तरह रॉ मटेरियल मंगाया जायेगा तो वह मंहगा आएगा फिर उससे बनने वाले आईटम भी मंहगे होंगे. होली का त्यौहार नजदीक आ रहा है, ऐसे में माल को तय समय से तैयार कर भेजा जाना है. लेकिन ऐसा नहीं हो पा रहा है. वहीं पहले जो आर्डर मिल चुके हैं, वह कैंसिल भी हो रहे हैं. व्यापारियों का कहना है कि किसान आंदोलन की वजह से माल समय पर नहीं आ सकेगा तो कैसे बिकेगा. इसलिए ग्राहक फोन के जरिए आर्डर कैंसिल भी कर रहे हैं. अगर यह आंदोलन जल्द खत्म नहीं हुआ तो कांच और चूड़ी उद्योग को करोड़ों  रुपए के नुकसान का अनुमान है.