प्राविधिक शिक्षा परिषद लखनऊ के संयुक्त सचिव और सचिव महाभ्रष्ट,घूस का आडियो वायरल होते ही शासन ने हटाया

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(www.arya-tv.com)प्राविधिक शिक्षा परिषद लखनऊ में संयुक्त सचिव पद पर तैनात चन्द्र किशोर मिश्रा के भ्रष्टाचार का मामला प्रकाश में आते ही उ.प्र.शासन ने तत्काल हटा कर आईआरडीटी कानपुर से संबद्ध कर दिया गया है। यह कोई पहला मामला नहीं कि अधिकारियों के कारण सरकार को बदनामी झेलनी पड़ रही है। सूत्रों से पता चला है कि सचिव और संयुक्त सचिव दोनों ने मिलकर इस योजना को अंजाम दिया है। चाहे पालीटेक्निक संस्थानों की परीक्षा के केन्द्र निर्धारण हो या फार्मेसी डिप्लोमा का नीवनीकरण या सम्बद्धता, सारे मामलों में इनके भ्रष्टाचार की पोल आडियों में खुलती नजर आ रही है। भ्रष्टाचार के मामले में विशेष सहयोगी सचिव आर.के.सिंह इस मामले में पुराने खिलाड़ी रहे हैं। इनकी मंशा प्राविधिक शिक्षा क्षेत्र में भ्रष्टाचार के बढ़ावा देने की रही है। पर योगी सरकार में यह संभव नहीं है। जैसे ही मामला अपर मुख्य सचिव प्राविधिक शिक्षा एस. राधा चौहान की जानकारी में आया उन्होंने विभाग को कलंक से बचाने के लिए तत्काल हटा दिया।

  • अपर मुख्य सचिव प्राविधिक शिक्षा एस. राधा चौहान ने सरकार को बड़े कलंक से बचाया

वैसे यह कोई पहली घटना नहीं जिसमें एस.राधा चौहान ने मामला संज्ञान आते ही तुरंत एक्शन लिया हो। इससे पहले भी जहां जहां यह पोस्ट रहीं हैं तो इनके द्वारा भ्रष्टाचार के मामले में कोई भी समझौता नहीं किया गया है। भ्रष्टाचार के खत्म करना इनकी पहचान बनी हुई है इसीलिए तमाम महत्वपूर्ण पदों पर रह खुकी हैं। इस मामले में भी जैसे ही एस.राधा चौहान को इस मामले की जानकारी हुई तुरंत ही संयुक्त सचिव को निलंबित करने का प्रस्ताव दिया गया और सचिव आर.के.सिंह से कार्य को तुरंत ही हटा लिया गया।

  • सचिव आर.के.सिंह पर हो सकती है बड़ी कार्यवाही

इस मामले में संयुक्त सचिव का साथ देने के मामले में आगे चलकर आर.के.सिंह को भी निलंबित किया जा सकता है। क्योंकि सबको पता है कि आर.के.सिंह भी इन मामले में गहराई से जुड़े हुए है अकेले संयुक्त सचिव मिश्रा द्वारा इस पूरे मामले को अंजाम तक नहीं पहुंचाया गया है। आर.के.सिंह पूरे प्रकरण में बराबर के दोषी हैं।

  • सचिव और संयुक्त सचिव दोनों ने खाई मलाई

कोरोना के परेशान प्राइवेट संस्थान चलाने वालों को मौका देखकर हलाल करने की योजना ने दोनों को अपने असली मुकाम पर पहुंचा दिया। आडियो तो सिर्फ एक मामले में पकड़ा गया है। जबकि सूत्र बताते हैं कि नीवनीकरण और संबद्धता मामले में भी अच्छा पैसा वसूला गया है।

  • दो दिन पहले ही ऑनलाइन हुई सूचनांए

सचिव और संयुक्त सचिव के गलत कार्यों की सूचनांए लगातार शासन के मामले में आ रही थी जिसको लेकर तमाम लोगों ने इस मामले में शिकायत भी थी। मामले को बढ़ता देख सारी सूचनाओं को बेवसाइट पर ऑनलाइन भी डाल दिया गया था।

  • जाने भ्रष्टाचार का पूरा मामला

पॉलीटेक्निक परीक्षा केंद्र निर्धारण में 10 हजार रुपये घूस मांगने संबंधी आडियो वायरल होने पर प्राविधिक शिक्षा परिषद लखनऊ के संयुक्त सचिव चंद्र किशोर मिश्र को हटा दिया गया है। जैसे ही यह प्रकरण शासन की जानकारी में आया शासन द्वारा तुरंत ही उनका निलंबन भी प्रस्तावित किया गया है। इसके साथ ही परिषद के सचिव डॉ. आर.के. सिंह से भी उनका कार्य हटा लिया गया है और उन्हें कारण बताओ नोटिस जारी किया गया है। जबकि सूत्र बताते हैं कि इस मामले में पूरी योजना आर.के.सिंह ही रही है। मूल जड़ आर.के.सिंह ही हैं।

  • अपर मुख्य सचिव ने किया था निलंबन का प्रस्ताव,पर नहीं किये गये निलंबित

यह कार्रवाई अपर मुख्य सचिव प्राविधिक शिक्षा एस. राधा चौहान द्वारा की गई है। अपर मुख्य सचिव ने तो सख्त कार्यवाही के संकेत दिये थे पर पहुुंच के चलते ऐसा नहीं हो सका। घूस मांगे जाने संबंधी आडियो सोशल मीडिया पर वायरल हुआ था। संयुक्त सचिव चंद्र किशोर मिश्र को तत्काल प्रभाव से पद से हटाते हुए आईआरडीटी कानपुर से संबद्ध किया गया है। साथ ही उनका निलंबन भी प्रस्तावित किया गया है। विभाग ने फार्मेसी संस्थाओं की संबद्धता से संबंधित सभी सूचनाओं को परिषद की वेबसाइट पर जारी कर दिया है। जिससे कि अब और गलत कार्यों को रोका जा सके।

  • डिजिटल तकनीक ने होगा मूल्यांकन फिर होगी कार्यवाही

पॉलीटेक्निक परीक्षा केंद्रों के आवंटन में प्राप्त शिकायतों के क्रम में पूर्वी जोन तथा फार्मेसी के सभी परीक्षा केंद्रों की उत्तर पुस्तिकाओं का मूल्यांकन डिजिटल तकनीक से कराए जाने का फैसला किया गया है। डिजिटल तकनीक से इस मामले में गड़वड़ी का कम संभावनाएं होंगी। इससे यदि किसी परीक्षा केंद्र पर सामूहिक नकल हुई होगी तो उसका आसानी से पता लगाया जा सकेगा। फिर ऐसी पॉलीटेक्निक संस्थाओं की संबद्धता समाप्त करने पर भी विचार किया जाएगा। जो इस मामले में लिप्त रहे हैं।