कृषि विभाग के विशेषज्ञों का दावा: यूपी के इस जिले में हो सकती है केसर की खेती

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(www.arya-tv.com) जिले के कृषि विभाग के विशेषज्ञों का दावा है की ऐतिहासिक सुरहा ताल की मिट्टी में औषधियों की खेती की जा सकती है. ऐतिहासिक इस ताल की मिट्टी गाद से बनी हुई है. यह खुद ऑर्गेनिक तत्वों का भंडार है. इसमें किसी अन्य खाद की आवश्यकता ही नहीं है. कृषि विभाग के विशेषज्ञों के द्वारा किए गए शोध में यह सामने आया है कि यहां की मिट्टी केसर के लिए उपयुक्त है.

आनुवंशिकी व पादप प्रजनन विभाग के प्रो. बृजेश सिंह ने कहा कि ऐतिहासिक सुरताल की की मिट्टी जिले के लिए वरदान है. यह अपने आप में खाद है. इसमें किसी अन्य खाद की आवश्यकता भी नहीं है. यह मिट्टी केसर के लिए उपयुक्त है. यह जिले के लिए वरदान ही नहीं बल्कि किसी स्वर्ग से भी कम नहीं है.

केसर की खेती के लिए आदर्श मौसम
प्रो. बृजेश सिंह ने बताया कि यहां की मिट्टी केसर के लिए उपयोगी है. बाजार में केसर 1.20 लाख रुपए किलो से 3.50 लाख रुपए किलो मिल जाती है. क्योंकि क्वालिटी में आज कल नकली केसर भी बाजार में बहुत ज्यादा मात्रा में मिल जाती है. परंतु ओरिजनल कश्मीरी केसर की बात करे तो यह केसर आपको 3.30 लाख से 3.50 लाख रुपए किलो तक मिल जाती है. सुरहा ताल की मिट्टी में यह प्रयोग जिले के विकास के मार्ग को प्रशस्त करने में मदद करेगा. इस खेती को करने की बात करें तो इसके लिए तय टेंपरेचर 10 से 18 डिग्री होना चाहिए. यह खेती यहां ठंडा के मौसम में किया जाए तो संभवत सफल होगा. और यहां के मिट्टी में वो सभी तथ्य हैं जो केसर की खेती के लिए महत्वपूर्ण है.

ये हैं इस मिट्टी की खासियत
अभी जिले में प्रथम बार इसी के मिट्टी में काला नमक की खेती की जा रही है जो बिना बाहरी खाद के लहलहाती दिख रही है. खासकर दो फीट की मिट्टी में साढ़े तीन फीसदी जैविक कार्बन की मात्रा भरपूर नाइट्रोजन, फास्फोरस, पोटेशियम व गंधक आदि है. इतना ही नहीं बल्कि इस मिट्टी में सूक्ष्म पोषक तत्वों की मात्रा लोहा, जस्ता, तांबा, मैग्निशियम, मैग्नीज की मात्रा भी गोबर से कम नहीं है. इसलिए यह कहने में जरा भी संकोच नहीं होगा कि यह मिट्टी केसर के लिए उपयुक्त है. यहां की मिट्टी पर फोकस करना जिले के विकास के लिए मददगार सिद्ध होगा.

केसर का महत्व और उपयोग
केसर का उपयोग खाने में, मिठाई बनाने में, दवा में, पूजा-पाठ और यज्ञ इत्यादि कई चीजों में किया जाता है. यह काफी महंगा बाजार में मिलता है. केसर की खेती कंद से होती है और जब फूल आता है तो उसका जो नर अंग है. जिसको पुंकेसर कहते हैं इसका एक खास कलेक्शन है जिसमें खास सुगंध और फ्लेवर होता है.