बीएड प्रवेश परीक्षा में कहीं अव्यवस्था, कहीं नियमों का हुआ पालन

Lucknow

(www.arya-tv.com) राजधानी के 82 केंद्रों पर रविवार को बीएड संयुक्त प्रवेश परीक्षा हुई। कोरोना के चलते कई परीक्षा केंद्रों पर अभ्यर्थियों को कतार में लगाकर प्रवेश दिया गया और सोशल डिस्टेंसिंग को लेकर भी सतर्कता बरती गई। वहीं, कुछ केंद्रों पर अव्यवस्था भी दिखी। खासतौर पर परीक्षा छूटने के बाद अभ्यर्थियों की भीड़ एकसाथ निकलती दिखी।
श्री जयनारायण पीजी कॉलेज के बाहर सुबह करीब 7.45 बजे सैकड़ों की संख्या में युवा सड़क पर खड़े थे। चेहरों पर कोरोना का खौफ साफ था, लेकिन इस खौफ के बीच जैसे-तैसे अभ्यर्थी परीक्षा में शामिल हुए।

बीएड संयुक्त प्रवेश परीक्षा के लिए शहर में बने 82 केन्द्रों में करीब 30,500 अभ्यर्थी शामिल होने थे। परीक्षा सुबह 9 बजे से प्रस्तावित थी लेकिन परीक्षार्थियों को एक घंटा पहले ही केन्द्र पर बुला लिया गया था। इससे सुबह 7 बजे से ही केन्द्रों पर परीक्षार्थी व उनके अभिभावक इकट्ठा होने लगे। श्री जयनारायण पीजी कॉलेज, बप्पा श्री नारायण वोकेशनल कॉलेज, एपी सेन गर्ल्स डिग्री कॉलेज के आसपास भारी भीड़ नजर आई।

एक घंटा लाइन में लगे अभ्यर्थी
गोमती नगर के विनय खंड स्थित राजकीय बालिका इंटर कॉलेज में करीब 500 अभ्यर्थियों के लिए परीक्षा की व्यवस्था थी। विद्यालय प्रशासन के पास एक थर्मल स्कैनर था इसके कारण अभ्यर्थियों को विद्यालय में प्रवेश पाने के लिए करीब एक घंटे तक लाइन में खड़ा रहना पड़ा। अलीगंज में सुभाष चंद्र बोस कॉलेज के बाहर सुबह करीब 7 0बजे से अभ्यर्थियों का जमावड़ा लगने लगा था।

 गेट पर रोके गए अभ्यर्थी
सैनिक स्कूल सरोजनीनगर में परीक्षा देने पहुंचे 30 से ज्यादा अभ्यर्थियों को केन्द्र के बाहर रोक दिया गया। इनके शरीर का तापमान सामान्य से अधिक था। इसे लेकर परीक्षार्थियों ने नाराजगी भी जताई। हालांकि बाद में इन्हें अलग बैठाकर परीक्षा कराई गई। इसी तरह के मामले अमीनाबाद इंटर कॉलेज, महिला विद्यालय डिग्री कॉलेज, डीएवी इंटर कॉलेज में भी मिले।

आवागमन के साधन न होने से परेशानी
परीक्षार्थियों को केन्द्रों तक पहुंचने में काफी मशक्कत करनी पड़ी। केकेवी में परीक्षा देने बाराबंकी से आए अभिलेश वर्मा ने बताया कि सुबह 5 से 6:30 बजे तक कोई बस नहीं मिली तो किसी से लिफ्ट लेकर वह लखनऊ पहुंचे। चार किमी दूर पैदल चलकर सेंटर पहुंचे। अमेठी से आए शुभम अग्रवाल ने बताया कि उन्हें भी कोई ट्रांसपोर्ट नहीं मिला जिसकी वजह से रास्ते में एक अन्य अभ्यर्थी की बाइक पर लिफ्ट ली।
छात्रा बेहोश हुई,  डॉक्टर की व्यवस्था नहीं
लविवि में परीक्षा के दौरान सिटिंग प्लान से लेकर अन्य जानकारियों तक के लिए अभ्यर्थी परेशान हुए। दूसरी पाली में आर्ट 14 नम्बर कमरे में एक छात्रा की तबीयत खराब हो गई। तत्काल डॉक्टर की तलाश शुरू की गई। बाद में पता चला कि इस परीक्षा के लिए डॉक्टर की ड्यूटी ही नहीं लगाई गई। आनन-फानन में उसके भाई को बुलाया गया। करीब आधे घंटे बाद वह परीक्षा देने की स्थिति में आई।
एक ही सवाल दो बार पूछा गया
अभ्यर्थियों की शिकायत है कि पेपर में एक ही सवाल दो बार पूछा गया। लविवि में बने परीक्षा केन्द्र में पेपर देने वाले एक परीक्षार्थी ने बताया कि उनके पास सेट आई आया था। इसमें, प्रश्न संख्या 84 में पूछा गया, निम्नलिखित में से रूढ़ शब्द कौन सा है? विकल्प वाचनालय, विद्यालय और पशु भी दिए गए। अभ्यर्थियों का कहना है कि हूबहू यही सवाल इन्हीं विकल्पों के साथ प्रश्न संख्या 97 में भी पूछा गया।
प्रोफेसर भिड़े, देर से निकले पेपर
ट्रेजरी से सुबह सभी केन्द्रों पर बीएड के पेपर जाने थे। मजदूर देर से पहुंचे। कौन सा बंडल, किस केन्द्र को जाएगा इसको लेकर आपाधापी मच गई। प्रशासन के सभी जिम्मेदारों ने अपने हाथ खींच लिए। हालांकि बाद में वरिष्ठ शिक्षक को अपनी गलती का अहसास हुआ। तब जाकर पेपर कुछ देरी से ट्रेजरी से निकल पाए।