राम राज्य: क्या सन्तों को CBI से न्याय का हक नहीं?

Lucknow
Suyash Mishra

आर्य मीडिया नेटवर्क। सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद सुशांत सिंह राजपूत मामले की सीबीआई जांच शुरू हो गई है, लेकिन महाराष्ट्र के पालघर में 2 सन्तों समेत 3 लोगों की निर्मम हत्या के मामले में अब तक पूरे देश को न्याय की दरकार है। संतों की हत्या के 126 दिन हो चुके हैं। एक बार फिर सवाल उठने लगा है की क्या राम राज्य में संतो को सीबीआई से न्याय का हक नहीं है।

सुशांत सिंह राजपूत केस के बाद अब पालघर मामले में भी सीबीआई जांच की मांग तेज हो गई है सोशल मीडिया पर एक बार फिर पालघर केस ट्रेंड कर रहा है। लगातार साधु-संतों और आम लोगों की प्रतिक्रियाएं आ रही हैं। सवाल उठ रहा है कि पालघर मामले में सेकुलर सन्नाटा क्यों है? क्या अखलाक और पहलू खान पर ही सबके खून खौल उठते हैं। क्या राम के देश में संतों का कोई मानवाधिकार नहीं।

ये वहीं राम का भारत है जिन्होंने सन्तों की रक्षा के लिए दुष्टों का नाश किया। सन्यासियों को बचाने के लिए लड़ने के लिए चले गए। पर आज राम राज का दावा तो हो रहा है, लेकिन सन्तों की रक्षा नहीं। संतों की हत्या को मॉब लींचिंग बताकर जांच से पहले ही फैसला दे दिया जाए तो सवाल उठना लाजमी है। कुछ ऐसा ही हुआ इस पूरे मामले में। महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने घटना के 1 हफ्ते पहले ही कह दिया था कि यह मॉब लिंचिंग है और इस पर राजनीति नहीं होनी चाहिए। जबकि उस समय कोई जांच भी नहीं हुई थी।

सवाल ये उठता है कि आखिर क्यों महाराष्ट्र की सरकार इस मामले में सीबीआई जांच नहीं चाहती।
क्या यह शिवसेना बाला साहब वाली ही शिवसेना है। जो संतो के लिए सब कुछ करने को तैयार रहती थी। मुंबई में हमला करने वाले आतंकी कसाब के लिए रात में कोर्ट खुल सकती है तो क्या देश के संतो के लिए सीबीआई जांच के आदेश नहीं हो सकते।

कहा जा रहा है कि अफवाहों के चलते सन्तों की हत्या की गई। सन्तों को बच्चा चोर बताया जा रहा था जबकि संत एक मिट्टी में शरीक होने जा रहे थे। महाराष्ट्र सरकार ने घटना के तुरंत बाद कह दिया था कि यह मॉब लिंचिंग है इसमें सीबीआई जांच की आवश्यकता नहीं है। वीडियो में साफ दिख रहा है कि हमलावरों ने साधुओं की कितनी निर्ममता के साथ हत्या की गई। गाड़ी को पलट दिया गया। पुलिस ने पलटी गाड़ियों से साधुओं को निकाला। साधुओं पर भीड़ ने दोबारा हमला किया। इस दौरान पुलिस मूकदर्शी बनी बैठी रही।

महाराष्ट्र के गृह मंत्री ने पहले ही भविष्यवाणी कर दी थी कि भीड़ ने साधुओं को मारा । अब तक 28 आरोपियों को बेल मिल चुकी है। इस मामले में मिशनरी एंगल सामने आया था। एक एनसीपी नेता का नाम सामने आया था पर उस दिशा में कोई एक्शन नहीं हुआ। राम कदम ने कहा कि इस मामले में एनसीपी नेता का नाम सामने आया था।

आपको बता दें कि 16 अप्रैल 2020 को महाराष्ट्र के पालघर में दो संतों और उनके ड्राइवर की पीट-पीटकर भीड़ द्वारा हत्या कर दी गई थी। इसका वीडियो भी सोशल मीडिया पर वायरल हुआ था।
जूना अखाड़ा के प्रमुख अखिलेश आनंद गिरि ने सीबीआई जांच की मांग की है। बाबा रामदेव ने भी सीबीआई जांच की मांग की है। आपको बता दें कि इस मामले में अगले हफ्ते सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई हो सकती है। सुप्रीम कोर्ट ने महाराष्ट्र सरकार से चार्ज सीट मांगी है।