आजादी का अमृत महोत्सव: लखनऊ विश्वविद्यालय में लिथोग्राफी कार्यशाला 2022 का किया गया शुभारम्भ

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(www.arya-tv.com) कला एवं शिल्प महाविद्यालय, लखनऊ विश्वविद्यालय में ‘आज़ादी के अमृत महोत्सव कार्यक्रम’ के उपलक्ष्य में आज लिथोग्राफी कार्यशाला- 2022 का शुभारम्भ किया गया। अतिथि के रूप में भारतीय मूल के अमेरिका में स्थापित प्रसिद्ध समकालीन छापा कलाकार प्रो. देवराज दाकोजी, कला महाविद्यालय के प्रधानाचार्य डॉ. आलोक कुमार, कला महाविद्यालय के भूतपूर्व प्रधानाचार्य प्रो. जयकिशन अग्रवाल तथा अन्य विधाओं के शिक्षक एवं विद्यार्थी कार्यक्रम में उपस्थित रहे।

कार्यक्रम का संचालन कार्यशाला के समन्वयक राजनपाद फुलारी ने किया जिसमें उन्होंने प्रो. दाकोजी का परिचय और कला महाविद्यालय के लिथोग्राफी अनुभाग के इतिहास पर विवरण प्रस्तुत किया। उन्होंने बताया कि कला महाविद्यालय में लिथोग्राफी अनुभाग एक लम्बे समय से बन्द था जिसको अभी पुन: प्रारम्भ किया जा रहा है। इसी कार्यशाला में कला महाविद्यालय के अन्य शिक्षकों की कलाकृतियों का भी प्रदर्शन किया गया है जो कि उन्होंने पहली दफह लिथोग्राफी माध्यम में बनायी हैं। इसी के साथ-साथ राजनपाद फुलारी ने यह भी बताया कि इस कार्यशाला में कला महाविद्यालय के अतिरिक्त अन्य विद्यालयों ने भी भाग लिया है। यह सभी विद्यार्थी भारतीय कला, इतिहास एवं संस्कृति आदि विषयों पर इस पॉंच दिवसीय लिथोग्राफी कार्यशाला में मुद्रण कार्य करेंगे।

प्रो. देवराज दाकोजी जो कि कार्यक्रम में अतिथि कलाकार के रूप में सम्मिलित हुये हैं, बड़े ही साधारण वार्तालाप के माध्यम से लिथोग्राफी के सभी बिन्दुओं की विस्तार पूर्वक चर्चा की। प्रो. दाकोजी ने विद्यार्थियों को लिथोग्राफी तकनीक, उसमें प्रयुक्त होने वाले प्रस्तरों के प्रकार, तथा विभिन्न प्रकार की सामग्रियों से अवगत करवाया। इसी प्रकार विद्यार्थियों ने भी उत्साह पूर्वक अपने प्रश्नों के माध्यम से उनसे जाना कि किस प्रकार लिथोग्राफी मुद्रण में अच्छे परिणाम प्राप्त किये जा सकते हैं।

कला एवं शिल्प महाविद्यालय के प्रधानाचार्य डॉ. आलोक कुमार ने इस अवसर पर लिथोग्राफी के इतिहास और वर्तमान में कला के अन्तर्गत उसकी प्रासंगिकता की चर्चा की। साथ ही साथ उन्होंने यह भी बताया कि लखनऊ कला महाविद्यालय पहले लिथोग्राफी मुद्रण के अध्ययन एवं अध्यापन का महत्वपूर्ण केन्द्र होता था। यह अनुभाग काफ़ी दिनों से बन्द था जिसे राजनपाद फुलारी के महत्वपूर्ण प्रयासों से पुनः प्रारम्भ किया जा रहा है।

कार्यक्रम के अन्तिम चरण में एक औपचारिक बैठक के दौरान सभी विशिष्ट जनों एवं अतिथियों का धन्यवाद ज्ञापन किया गया। इस अवसर पर अतिथि के रूप में अलासन्स फ्रांस के युवा अध्यक्ष विन्सेंट मिनी भी सम्मिलित हुए। उन्होंने लिथोग्राफी कार्यशाला की प्रशंसा की और कला महाविद्यालय के साथ भविष्य में सांस्कृतिक गतिविधियों में सहभागिता निभाने की बात कही।