इलाहाबाद हाईकोर्ट ने घटाई बच्ची से बलात्कार और हत्या के दोषी की सजा, बताई ऐसा करने की वजह

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(www.arya-tv.com) इलाहाबाद हाईकोर्ट ने तीन साल की बच्ची से बलात्कार और हत्या के दोषी की सजा घटा दी है. हाईकोर्ट ने एक विवाहित व्यक्ति की मौत की सजा को 30 साल की सजा में बदल दिया है.  कोर्ट ने कहा कि याची का न तो कोई आपराधिक इतिहास था और न ही वह पहले दोषी था, ऐसे में उसके सुधार की संभावना है. इसलिए फांसी की सजा कम की जानी चाहिए याची दिनेश पासवान की सजा के खिलाफ अपील को आंशिक रूप से स्वीकार करते हुए आदेश दिया.  जस्टिस कुमार मिश्रा और जस्टिस सैयद आफताब हुसैन रिजवी की डिवीजन बेंच ने आदेश दिया.

फतेहपुर की जिला एवं सत्र अदालत ने आरोपी को दोषी करार देते हुए मौत की सजा सुनाई थी. अपीलकर्ता-पासवान की वकील तनीषा जहांगीर मुनीर ने दलील दी. कहा कि अपीलकर्ता को केवल संदेह के आधार पर झूठा फंसाया गया है. घटना को अभियोजन पक्ष द्वारा दबा दिया गया है. मामला परिस्थितिजन्य साक्ष्य का है, जिसकी कड़ियां अधूरी है. “घटना का स्थान तय नहीं किया गया क्योंकि मृतक का शव कथित घटना स्थल अपीलकर्ता के किराए के कमरे पर नहीं मिला था.

पीड़िता की मां ने लगाए थे ये आरोप
मृतक की मां के मुताबिक शव उसके नाना-नानी के घर पर पाया गया था. संबंधित पक्षों को सुनने के बाद कोर्ट ने कहा, “अपराध बहुत जघन्य प्रकृति का है और वीभत्स तरीके से किया गया है. आरोपी  08 दिसंबर 2021 को 25 वर्ष का एक युवक था. रिकॉर्ड पर मौजूद साक्ष्यों से यह भी स्थापित होता है कि आरोपी शादीशुदा है और उसका एक बच्चा भी है. अपीलकर्ता-अभियुक्त का न तो कोई आपराधिक इतिहास है और न ही वह पूर्व दोषी है .इसलिए उसके सुधार की संभावना से इंकार नहीं किया जा सकता है.

बता दें मृत बच्ची की मां ने फतेहपुर के खागा थाने में प्राथमिकी दर्ज कराई थी.आरोप लगाया कि दिनेश पासवान बच्ची को बहला- फुसलाकर अपने कमरे में ले गया. उसने जघन्य अपराध कर उसकी हत्या कर दी. सत्र अदालत ने 18 जनवरी, 2022 को पासवान को मौत की सज़ा सुनाई. इस आदेश को पासवान ने उच्च न्यायालय में चुनौती दी थी.