पिता के एफआईआर को इलाहाबाद हाईकोर्ट ने किया रद्द,अपनी पसंद का साथी चुनना व्यक्ति का मौलिक अधिकार

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प्रयागराज (www.arya-tv.com)। इलाहाबाद हाई कोर्ट ने व्यक्ति का मौलिक अधिकार को लेकर सोमवार को महत्वपूर्ण फैसला किया है। कोर्ट ने पिता की ओर से पुत्री प्रियंका खरवार उर्फ आलिया के धर्म परिवर्तन कर सलामत अंसारी से शादी करने के विरोध में अपहरण व पाक्सो एक्ट में दर्ज कराई गई प्राथमिकी को रद कर दिया है।

इलाहाबाद हाई कोर्ट ने कहा है कि संविधान सभी को अपनी पसंद के व्यक्ति के साथ जीवन जीने का अधिकार देता है। व्यक्तिगत संबंध में हस्तक्षेप तो दो बालिग व्यक्तियों के पसंद की स्वतंत्रता के मूल अधिकार का अतिक्रमण होगा। कोर्ट ने पिता की ओर से पुत्री प्रियंका खरवार उर्फ आलिया के धर्म परिवर्तन कर सलामत अंसारी से शादी करने के विरोध में अपहरण व पाक्सो एक्ट में दर्ज कराई गई प्राथमिकी को रद कर दिया है। यह प्राथमिकी कुशीनगर के विष्णुपुरा थाने में दर्ज करायी गई है।

यह आदेश न्यायमूर्ति पंकज नकवी व न्यायमूर्ति विवेक अग्रवाल की खंडपीठ ने प्रियंका व सलामत की याचिका पर दिया है। कोर्ट ने कहा है कि पार्टनर चुनने का अधिकार अलग-अलग धर्मों के बावजूद जीवन व व्यक्तिगत स्वतंत्रता के मूल अधिकार का हिस्सा है। किसी बालिग जोड़े को अपना जीवन साथी चुनने का अधिकार है।

कोर्ट ने कहा कि व्यक्ति की पसंद का तिरस्कार, पसंद की स्वतंत्रता के अधिकार के खिलाफ है। कोर्ट ने कहा कि हम हिंदू-मुस्लिम नहीं, बल्कि दो युवा देख रहे हैं, जिन्हेंं संविधान का अनुच्छेद-21 अपनी पसंद व इच्छा से किसी व्यक्ति के साथ शांति से रहने की आजादी देता है। इसमें हस्तक्षेप नहीं किया जा सकता है।