शॉपिंग और वॉकिंग से रखेंगे शरीर एक्टिव तो नहीं बनेंगे ऐसे हालात

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(www.arya-tv.com)बुजुर्ग महिलाओं पर हुई नई रिसर्च अलर्ट करने वाली है। रिसर्च के मुताबिक, शरीर को एक्टिव रखने के लिए हैवी एक्सरसाइज या लम्बी दूरी की वॉक जरूरी नहीं। गार्डनिंग, शॉपिंग और चहलकदमी भी बुजुर्ग महिलाओं को एक्टिव रखने में मदद करती है।

यह दावा कैलिफोर्निया यूनिवर्सिटी के शोधकर्ताओं ने किया है। शोधकर्ताओं का कहना है, 65 साल की उम्र में हर 5 में से एक महिला को चहलकदमी करने और सीढ़ी चढ़ने में दिक्कत होती है। उम्र के इस पड़ाव पर पहुंचने से पहले अगर आप रूटीन में पैदल शॉपिंग, गार्डनिंग और वॉकिंग जैसी एक्टिविटी करती हैं तो भविष्य में ऐसे खतरे घटाए जा सकते हैं।

63 पार 5,735 महिलाओं पर हुई रिसर्च

रिसर्च में 63 साल और इससे अधिक उम्र की 5,735 महिलाओं को शामिल किया गया है। रिपोर्ट में सामने आया कि इन महिलाओं ने औसतन 4.8 घंटे फिजिकल एक्टिविटी की। इनमें भविष्य में चलने-फिरने में दिक्कत होने का खतरा 46 फीसदी कम रहा।

मोटापा कंट्रोल करना भी एक विकल्प
वैज्ञानिकों का कहना है कि अगर बुजुर्ग महिलाएं अपने वजन को कंट्रोल करती हैं तो इन्हें चलने-फिरने में दिक्कत होने का खतरा घट जाता है। जिन महिलाओं का बॉडी मास इंडेक्स 30 से कम रहा, उन्हें सीढ़िया चढ़ने-उतरने में दिक्कतें नहीं आईं।

धीमी हो रही चाल का कनेक्शन मानसिक कमजोरी से
बुजुर्गों पर हुई एक अन्य रिसर्च कहती है, आपकी चाल धीमी होती जा है तो यह मानसिक कमजोरी का संकेत हो सकता है। सैन एंटोनिओ लॉन्गिट्यूडनल स्टडी ऑफ एजिंग (SALSA) के एक अध्ययन में वैज्ञानिकों ने 370 लोगों के चलने की गति और उनके मस्तिष्क के बीच कनेक्शन निकाला। शोधकर्ताओं ने 10 साल तक रिसर्च की। रिपोर्ट में सामने आया कि जिन लोगों की चलने की गति धीमी पाई गई उनके मानसिक स्वास्थ्य का स्कोर कम था।