(www.Arya Tv .Com) जॉर्डन में बसने की चाहत पूरी करने के लिए एक शख्स ने ऐसा खेल खेला कि तमाम देशों की सुरक्षा एजेंसियां उसके झांसे में आ गई. यह शख्स न केवल जॉर्डन के अम्मान शहर पहुंचने में न केवल सफल हो गया, बल्कि तीन सालों तक वहां रहकर मौज मस्ती करता रहा. तीन साल बाद इस शख्स को अचानक अपने घर की याद सताने लगी. इस शख्स ने सोचा कि जिस ट्रिक से वह जॉर्डन पहुंच गया था, उसी ट्रिक से भारत जाकर दोबारा वापस आ जाएगा. इस बीच, एक छोटी सी फ़ोटो ऐसा ‘खेल’ कर दिया. इस शख्स की साजिश से न केवल पर्दा हट गया, बल्कि वह सलाखों के पीछे पहुंच गया.
आईजीआई एयरपोर्ट की पुलिस उपायुक्त ऊषा रंगनानी के अनुसार, 22 जनवरी को एक शख्स जॉर्डन से एयर अरेबिया फ्लाइट G9463 से शारजाह के रास्ते आईजीआई एयरपोर्ट पहुंचा था. जांच के दौरान, इस शख्स ने इमीग्रेशन अधिकारी को जो पासपोर्ट सौंपा, उसमें इसका नाम जगराज सिंह दर्ज था. जांच में पाया गया कि पासपोर्ट पर लगी फोटो इस शख्स से मेल नहीं खा रही थी. जिसके बाद, इस शख्स को हिरासत में लेकर आईजीआई एयरपोर्ट पुलिस के हवाले कर दिया गया. वहीं, पुलिस ने इस शख्स के खिलाफ आईपीसी की धारा 419/420/120B और पासपोर्ट एक्ट की धारा 12 के तहत केस दर्ज कर पूछताछ शुरू की.
विदेश जाकर खरीदना चाहता था जीवन की सारी खुशियां
डीसीपी ऊषा रंगनानी के अनुसार, इस शख्स ने बताया कि उसका असली नाम राजिंदर सिंह है और वह पंजाब के संगरूर जिले का रहने वाला है. पंजाब के दूसरे नौजवानों के तरह वह भी विदेश जाकर जीवन की सारी खुशियां खरीदना चाहता था. इसी बीच, उसकी मुलाकात गुरजंत सिंह नामक एक शख्स से हुई. गुरजंत सिंह ने उसे जॉर्डन भेजने का भरोसा दिलाया. इस काम के एवज में गुरजंत सिंह ने एक लाख रुपए की मांग रख थी. अपनी चाहत पूरी करने के लिए राजिंदर सिंह ने एक लाख रुपए की व्यवस्था और गुरजंत सिह को सौंप दिए. कुछ दिनों बाद, गुरजंत ने राजिंदर को जॉर्डन का वीजा लगा पासपोर्ट सौंप दिया.
पूछताछ के दौरान इस राजिंदर सिंह ने खुलासा किया कि 2018 में गुरजंत सिंह द्वारा मुहैया कराए गए दस्तावेज की मदद से वह जॉर्डन पहुंच गया. राजिंदर सिंह के खुलासे के आधार पर पुलिस ने एजेंट गुरुजंत सिंह और पासपोर्ट के असली मालिक जगराज सिंह की तलाश शुरू की. गुरजंत सिंह की गिरफ्तारी के लिए आईजीआई एयरपोर्ट के एसएचओ इंस्पेक्टर राजिंदर सिंह के नेतृत्व में एक टीम का गठन किया गया, जिसमें महिला सब इंस्पेक्टर सुनीता मान और हेडकॉस्टेबल विनीत भी शामिल थे. आरोपी जगराज सिंह को पुलिस ने संगरूर (पंजाब) जिले के के धुरी शहर से गिरफ्तार कर लिया गया.
बिजली विभाग का लाइनमैन था पूरे मामले का मास्टरमाइंड
पूछताछ में आरोपी जगराज ने बताया कि उसने 2016 में अपना पासपोर्ट बनवाया था, लेकिन रुपयों की कमी की वजह से वह विदेश नहीं जा पा रहा है. इसी बीच, उसकी मुलाकात एजेंट गुरजंत सिंह से हुई. गुरजंत सिंह ने रुपयों का लालच देकर उससे उसका पासपोर्ट ले लिया. गुरजंत ने पासपोर्ट के एवज में जगराज सिंह को 70 हजार रुपए का भुगतान किया था. वहीं, जगराज के खुलासे के बाद गुरजंत की तलाश तेज कर दी गई. लंबी कवायद के बाद उसे भी संगरूर के सलेमपुर गांव से गिरफ्तार कर लिया गया. पूछताछ में उसने बताया कि वह बिजली विभाग में लाइनमैन है और रुपयों के लालच में वह विदेश जाने के इच्छुक लोगों को अपने जाल में फंसाता था.