केरल में भूस्खलन में फंसे 100 लोगों को वायुसेना ने बचाया

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केरल में भारी बारिश का कहर जारी है. एर्नाकुलम, त्रिशूर, पठानमथिट्टा, मलप्पुरम जिलों में भारी बारिश हुई. इस कारण कई घरों में पानी भर गया. मलप्पुरम और कोझीकोड को जोड़ने वाली प्रमुख सड़कें जल भराव के कारण बंद हैं. केरल में बाढ़ से अब तक 14 लोगों की मौत हो चुकी है. आज सुबह 8 लोगों की मौत की पुष्टि की गई. वहीं वायनाड में भूस्खलन हुआ है.

अब तक 60 लोगों को नेशनल डिजास्टर रिस्पांस फोर्स(NDRF) ने सुरक्षित बाहर निकाल लिया है. अब तक करीब 100 से ज्यादा लोगों को बचा लिया गया है. इस ऑपरेशन को खत्म करने में 10 से 12 घंटे लग सकते हैं. भूस्खलन करीब 2 किमी तक हुआ है.

बाढ़ प्रभावित कई लोगों को रातोंरात सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया गया. इस बीच कोच्चि हवाई अड्डे पर 11 अगस्त 3 बजे तक सभी विमानों का परिचालन रोक दिया गया है. मौसम विभाग ने केरल के इडुक्की, मलप्पुरम, कोझिकोड के में बारिश का रेड अलर्ट, जबकि त्रिशूर, पलक्कड, वायनाड, कन्नूर और कासरगोड में बारिश का ऑरेंज अलर्ट जारी किया गया है. केरल के तट से सटे इलाकों में पश्चिम दिशा की ओर से 40 से 50 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से हवाएं चलने का अनुमान जताया है. इस कारण मछुआरों को समुद्र में नहीं जाने की सलाह दी गई है.

केरल स्टेटट डिजास्टर मैनेजमेंट अथॉरिटी(केडीएसएमए) के मुताबिक केरल के बाढ़ प्रभावित इलाकों से अब तक 22,165 लोगों को सुरक्षित बाहर निकाल लिया गया है. पूरे राज्य में बाढ़ प्रभावित लोगों के लिए 315 कैंप स्थापित किए गए हैं. केरल के मुख्यमंत्री पिनराई विजयन ने गुरुवार रात को कहा था कि सरकार बाढ़ पीड़ितों की मदद के लिए हर संभव कोशिश कर रही है. वायनाड में भीषण बाढ़ की त्रासदी देखने को मिल रही है.

रात में भारी बारिश और अंधेरे के चलते बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों में मदद पहुंचाने में दिक्कत आ रही है. मलप्पुरम और इडुक्की इलाकों में भारी बारिश हो रही है. सरकार लोगों तक खाद्य पदार्थ पहुंचाने की हर भरसक कोशिश की जा रही है. कुछ लोग ऐसे भी हैं, जो अपना घर छोड़कर बाहर नहीं आना चाहते हैं. उन्हें हर हाल में बाहर आना होगा.