चुनाव के बाद बढ़ सकता है आपका बिजली बिल:हर रोज 8 से 10 करोड़ रुपए की हो रही खरीददारी

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(www.arya-tv.com)उत्पादन निगम की लापरवाही और मौजूदा समय 15 से 16 रुपए प्रति यूनिट की दर से खरीदी जा रही बिजली आने वाले दिनों में उपभोक्ताओं का जेब खाली कर सकती हैं। चुनाव नजदीक है तो पावर कॉरपोरेशन और सरकार दोनों ही मौजूदा समय बिजली खरीदने के लिए तैयार हो गए है, लेकिन इससे कॉरपोरेशन का घाटा और बढ़ेगा। पहले से ही 90 हजार करोड़ रुपए के घाटे में चल रहे कॉरपोरेशन को मौजूदा समय प्रतिदिन 10 करोड़ रुपए से ज्यादा की बिजली खरीदनी पड़ रही है।

अगर यह संकट एक महीने तक रह गया जिसकी संभावना मौजूदा समय दिख भी रही है। महीने के हिसाब से कॉरपोरेशन को करीब 250 से 300 करोड़ रुपए का अतरिक्त भुगतान करना पड़ जाएगा। उप्र में वैसे भी दो साल से बिजली दर नहीं बढ़े है। इसको लेकर बिजली कंपनियां सरकार पर पहले से दबाव बना रही है। अब यह प्रकरण उनके लिए और ज्यादा परेशानी लेकर आ सकता है। एक दिन पहले ही पावर कॉरपोरेशन ने 16 मिलियन यूनिट एक्सचेंज से खरीदी। यह बिजली 15.85 रुपए प्रति यूनिट की दर से खरीदी गई है। 16 मिलियन यूनिट बिजली खरीद खरीद से प्रदेश के सभी हिस्सों में शिड्यूल के मुताबिक बिजली की सप्लाई की गई।

बंद प्लांटों में कोई सुधार नहीं हुआ है

बंद प्लांटों को लेकर भी उत्पादन निगम कोई कार्रवाई नहीं कर पाया है। यही वजह है कि अभी भी ललितपुर, रोजा, ऊंचाहार, हरदुआगंज यूनिट 9, पारीछा यूनिट 4, हरदुआगंज यूनिट 7 बंद पड़े है। अभी भी पावर कॉरपोरेशन को बिजली देने वाली 6 यूनिटें कोयले की कमी से बंद चल रही हैं। इसके अलावा कई पावर प्लांट कोयले की कमी से कम बिजली उत्पादन कर रहे हैं।

उपभोक्ताओं पर पड़ेगा असर

ऑल इंडिया पावर इंजीनियर्स फेडरेशन के अध्यक्ष शैलेन्द्र दुबे का कहना है कि कहा कि एक्सचेंज से खरीदी जा रही महंगी बिजली का असर प्रदेश के उपभोक्ताओं पर ही पड़ेगा। उन्होंने इसको लेकर सख्त कदम उठाने की मांग की है। इसके अलावा उप्र राज्य विद्युत उपभोक्ता परिषद ने पहले ही महंगी बिजली खरीद पर सवाल खड़ा किए थे।