हिंदू महासभा ने ताजमहल को शिव मंदिर मानकर परिक्रमा की:सांकेतिक जलाभिषेक भी किया

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(www.arya-tv.com)  ताजमहल से 300 मीटर से भी कम दूरी पर खड़े होकर सांकेतिक जलाभिषेक किया। कार्यकर्ताओं ने जमकर नारेबाजी की। हर-हर महादेव और श्रीराम के जयकारे भी लगाए। अखिल भारत हिंदू महासभा के प्रवक्ता संजय जाट ने कहा, ”ताजमहल भगवान शंकर का मंदिर तेजोमहालय है।’ww.arya-tv.com) ताजमहल को लेकर फिर विवाद शुरू हो गया है। सावन के तीसरे सोमवार यानी आज अखिल भारत हिंदू महासभा ने ताजमहल में जलाभिषेक करने का ऐलान किया। ऐसे में पुलिस अलर्ट हो गई। रविवार रात में 10 पदाधिकारियों को हाउस अरेस्ट कर लिया। 8 गिरफ्तार भी हुए हैं। फिर भी पुलिस को चकमा देते हुए कई कार्यकर्ता परिक्रमा करते हुए ताज कॉरिडोर की तरफ से यमुना किनारे पहुंच गए।

संजय जाट ने कहा- पुलिस ने हमारे घरों पर लात क्यों मारी?
संजय जाट ने कहा, ”रविवार रात से सुबह तक पुलिस संगठन के हिंदूवादियों को पकड़ती रही। 12 बजे तक पुलिस ने अलग अलग जगहों से महासभा के कार्यकर्ताओं को गिरफ्तार किया गया। जब हमने वादा किया था कि जलाभिषेक नहीं करेंगे। फिर भी हमारे घरों पर लाते क्यों मारी गई? इसी बात से क्षुब्ध होकर कार्यकर्ताओं ने यमुना किनारा रोड पर ताज कॉरीडोर की तरफ से ताजमहल का जलाभिषेक किया है।

अखिल भारत हिंदू महासभा की मीना दिवाकर और जितेंद्र कुशवाहा को पुलिस ने रविवार रात हाउस अरेस्ट कर दिया। साथ ही सभी मुख्य नेताओं के यहां पुलिस निगरानी बढ़ा दी। हिंदूवादी नेता अवतार सिंह गिल को सुबह गिरफ्तार कर लिया गया। संजय जाट ने कहा, “रात से पुलिस हिंदूवादी कार्यकर्ताओं को परेशान कर रखी है।”

पहले भी दर्ज हो चुका है मुकदमा
संजय जाट और मीना दिवाकर ने कोरोनाकाल के समय हंगामा किया गया था। मीना दिवाकर कांवड़ लेकर यमुना किनारा कार्यकर्ताओं के साथ चली थीं। पुरानी मंडी पर उन्हें पुलिस ने रोका था। काफी हंगामे के बाद कांवड़ लेकर हिंदूवादी राजेश्वर मंदिर गए थे। इसके बाद पुलिस ने कई धाराओं में मुकदमा दर्ज किया था। मीना दिवाकर पर ताजमहल में पूजा करने के आरोपों में भी मुकदमा दर्ज हो चुका है।

भगवान श्रीकृष्ण की वेशभूषा में आए एक व्यक्ति को एंट्री नहीं दी गई। जन्माष्टमी के त्योहार से 2 दिन पहले 29 अगस्त 2021 को पर्यटक ताजमहल पहुंचा था, लेकिन उसे अंदर जाने की अनुमति नहीं मिली। पश्चिमी दरवाजे से उसे वापस लौटा दिया गया। पर्यटक ने कहा था कि अब हमें ताजमहल नहीं देखना है।

उस समय अधीक्षण पुरातत्वविद् डॉ. वसंत कुमार स्वर्णकार ने कहा कि ताजमहल समेत ASI द्वारा संरक्षित किसी भी स्मारक में प्रमोशन संबंधी गतिविधियों की अनुमति नहीं है। व्यक्ति श्रीकृष्ण की वेशभूषा में ताजमहल में प्रवेश कर अपना प्रमोशन न करे, इसीलिए उसे रोका गया।

बुकलेट से नाम हटाने पर हुई थी सियासत
2017 में पहली बार योगी सरकार बनने के बाद यूपी टूरिज्म की बुकलेट जारी की गई थी। बुकलेट में राज्य में विकास परियोजनाओं की लिस्ट में ताजमहल का नाम नहीं था। इसके बाद विपक्ष और पर्यटन उद्योग से जुड़े लोगों ने सरकार को घेरा था।

भाजपा नेता संगीत सोम ने सरकार के पक्ष में बयान देते हुए कहा कि हम किस इतिहास की बात कर रहे हैं, जिस इंसान ने ताजमहल बनवाया था, वो हिंदुओं को खत्म करना चाहता था। अगर यही इतिहास है, तो यह बहुत दुखद है और हम इतिहास बदल डालेंगे। इसके बाद सपा नेता आजम खान ने योगी सरकार पर तंज कसते हुए कहा था कि अगर उत्तर प्रदेश सरकार ताजमहल को तुड़वाने की पहल करती है वो अपना समर्थन देंगे।