लखनऊ। बसपा सुप्रीमो मायावती ने एक बार फिर उत्तर प्रदेश में बीजेपी से दो दो हांथ करने के लिए तैयारी शुरू कर दी है। बसपा ने नई रणनीति के तहत मंडल स्तर पर मुख्य सेक्टर प्रभारियों की तैनाती की है। मायावती ने 5 और 6 जुलाई को दिल्ली में स्थित बसपा कार्यालय में यूपी के सभी मंडलों के कुछ चुनिंदा नेताओं के साथ अलग-अलग बैठक कर संगठन के बारे में फीडबैक लिया।
बैठक के समाप्त होने के बाद मायावती ने बसपा के राष्ट्रीय महामंत्रियों के साथ बैठक कर यूपी में पार्टी के संगठन को नया रूप दिया है। मायावती ने सेक्टर प्रभारियों की व्यवस्था समाप्त कर मंडल स्तर पर मुख्य सेक्टर प्रभारियों की तैनाती की है। इसके अलावा मंडलों को दो हिस्सों में बांट कर उनमें अलग अलग सेक्टर प्रभारी और जिला स्तर पर भी सेक्टर प्रभारी तैनात किए हैं।
उपेक्षित नेताओं को मिली जिम्मेदारी
कई वर्षों से उपेक्षित पड़े वरिष्ठ नेता जो दूसरे प्रदेशों के प्रभारी के रूप में काम कर रहे थे उन्हें फिर से मंडलों में बसपा की संगठनात्मक जिम्मेदारी दी गई है। लखनऊ मंडल के लिए बसपा विधानमंडल दल के नेता लालजी वर्मा, एमएलसी भीमराव आंबेडकर, शमशुद्दीन राइन और राजकुमार गौतम को मुख्य सेक्टर प्रभारी बनाया गया है. ये सभी मुख्य सेक्टर प्रभारी मंडल की सभी संगठनात्मक गतिविधियों पर नजर रखते हुए बसपा की मजबूती के लिए काम करेंगे. इनकी सहायता के लिए लखनऊ मंडल में तीन-तीन जिलों पर अलग-अलग दो टीम होंगी।
पहली टीम में लखनऊ, उन्नाव और रायबरेली शामिल हैं. इन तीन जिलों में महेंद्र सिंह जाटव, विनय कश्यप और सलाहुद्दीन सिद्दीकी को सेक्टर प्रभारी के रूप में तैनात किया गया है। इसी तरह हरदोई, लखीमपुर खीरी और सीतापुर के दूसरी टीम बनाई गई है। इस टीम में डाक्टर विनोद भारती, रणधीर बहादुर और अखिलेश आंबेडकर सेक्टर प्रभारी बनाए गए हैं। पूर्व प्रदेश अध्यक्ष रामअचल राजभर को प्रयागराज मंडल के मुख्य सेक्टर प्रभारी की जिम्मेदारी दी गई है। इन सभी नेताओं को बूथ पर बसपा के संगठन को मजबूत करने के साथ भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) सरकार की नीतियों के खिलाफ लोगों को जागरूक करने का निर्देश दिया है। बसपा के एक राष्ट्रीय महामंत्री बताते हैं कि मायावती ने सभी सेक्टर प्रभारियों को गांव में रात गुजारकर दलितों, पिछड़ों के साथ संवाद बनाकर उन्हें भाजपा सरकार की गलत नीतियों की जानकारी देने और उनसे बसपा के बारे में फीडबैक लेने का निर्देश दिया है ताकि पार्टी अपनी अगली रणनीति तय कर सके।
इन सेक्टर प्रभारियों के हवाले मंडल
मुरादाबाद— गिरीश चंद्र जाटव और शम्सुद्दीन राइनी.
सहारनपुर—शम्सुद्दीन राइन.
अलीगढ़— मुनकाद अली और रणवीर सिंह कश्यप.
आगरा—मुनकाद अली और सुमित जैन.
कानपुर—आरएस कुशवाहा, बौ़द्ध प्रिय गौतम और हेमेंद्र प्रताप सिंह
प्रयागराज—रामअचल राजभर, डॉ. राम कुमार कुरील, डॉ. अशोक गौतम और टिकेस गौतम.
मिर्जापुर—रामकुमार कुरील और आशोक गौतम.
वाराणसी—नौशाद अली, मदन राम और रामचंद्र गौतम.
आजमगढ़—नौशाद अली, मदन राम और हरिश्चंद्र गौतम.
गोरखपुर—घनश्याम चंद्र खरवार और सुधीर कुमार.
बस्ती—घनश्याम चंद्र खरवार.
फैजाबाद—घनश्याम चंद्र खरवार और दिनेश चंद्रा.
देवीपाटन—बलिराम और इंदलराम.
मेरठ—शम्सुद्दीन राईनी.
बरेली—गिरीश चंद्र जाटव और शम्सुद्दीन राईनी.
झांसी—लालाराम अहिरवार, बृजेश जाटव, भूपेंद्र आर्या और रविकांत मौर्य.
चित्रकूट—लालाराम अहिरवार, मधुसूदन कुशवाहा और जितेंद्र शंखवार.
