(www.arya-tv.com) जिहाद की भावना विश्वव्यापी है यह समस्या केवल भारत की ही नहीं है। इसलिए पूरे विश्व से आह्वान है कि जिहाद के नाम पर हो रही आक्रामकता को वैचारिक, बौदि्धक, शारीरिक, सामाजिक सहभागिता से रोका जाए। जिहाद का यह स्वरूप हमें स्वीकार नहीं है। यदि कोई आक्रामक होगा तो हमें भी अपनी आत्मरक्षा के लिए संगठित होकर प्रयास करना होंगे। लव जिहाद को रोकने के लिए पूरे देश में एक सा कानून लागू किया जाना चाहिए।
केंद्र और राज्य सरकारों से आव्हान है कि कट्टरता व अलगाव की शिक्षा देने वाले मदरसों व मिशनरी विद्यालयों पर नियंत्रण लगाया जाए और वहां विकास व सौहार्द पर केंद्रित शिक्षा व्यवस्था लागू की जाए। छल-बल से हो रहे मतांतरण और मजहबी कट्टरता को रोकने हेतु केंद्र सरकार कठोर कानून बनाए। पूरे देश में समान नागरिक आचार संहिता लागू की जाए। वक्फ कानून में संशोधन की आवश्यकता है।
यह प्रस्ताव विश्व हिंदू परिषद द्वारा शहर में आयोजित प्रन्यासी मंडल व प्रबंध समिति की बैठक में दिए गए। शहर में अग्रसेन महासभा में तीन दिवसीय बैठक मजहबी कट्टरता की भावना को रोकने के संकल्प के साथ पूरी हुई।
बैठक में प्रस्ताव दिए गए कि मजहबी कट्टरता के दुष्परिणामों से निपटने के लिए वैशि्वक स्तर पर समग्र नीति बनाई जाना चाहिए। यदि कोई आक्रमक होगा तो हमें भी आत्मरक्षा के लिए प्रयास करना होंगे, लेकिन यह कार्य हम संविधान के दायरे में रहकर करेंगे। हिंसा हमारे स्वभाव का हिस्सा नहीं और ना ही विहिप हिंसा का प्रशिक्षण अपने कार्यकर्ताओं को देता है।