पलक झपकते ही खातों से निकल जाती थी मेहनत की रकम

Lucknow

(www.arya-tv.com)देश भर से करोड़ों रुपए की ठगी कर चुके साइबर ठग सरगना प्रमोद मंडल समेत गिरोह के 5 सदस्यों से पूछताछ जारी है। 6 साल से गिरोह लोगों की गाढ़ी कमाई उड़ा रहा था। रिटायर्ड पुलिसकर्मी के शिकार होने के शिकायत करने पर ठगों के कारनामें से पर्दा हटा।

यह गिरोह अब तक 20 करोड़ रुपए की ठगी को अंजाम दे चुका है। बता दें, बीती 18 जुलाई को साइबर ठग सरगना प्रमोद की गिरफ्तारी दिल्ली से हुई थी। उसके बाद उसके गिरोह के चार सदस्यों की धर-पकड़ झारखंड के जामताड़ा से हुई।

ऐसे हटा जालसाजों से पर्दा
एक रिटायर्ड पुलिसकर्मी ने 6 महीने पहले हजरतगंज साइबर सेल में रिपोर्ट दर्ज कराई थी। जिसमें पीड़ित ने बताया था कि उसके SBI (स्टेट बैंक आफ इंडिया) के खाते में नेट बैंकिंग जनरेट करके PF के लगभग 53 लाख रुपए ट्रांसफर कर लिए गए। ऐसे ही अलग-अलग पुलिस वालों से साइबर फ्रॉड के 6 मामले सामने आने पर पुलिस प्रशासन हरकत में आ गया। इसके बाद गिरोह को पकड़ने के लिए स्पेशल टीम बनाई गई। टीम ने 11 आरोपियों को गिरफ्तार कर जेल भेजा। मगर साइबर क्राइम के गढ़ झारखंड के जामताड़ा में बैठे मास्टरमाइंड तक नहीं पहुंच सकी।

6 साल में 20 करोड़ रुपए की ठगी
एडीजी साइबर क्राइम रामकुमार ने बताया कि गैंग के सक्रीय अन्य 5 सदस्यों की गिरफ्तारी की गई है। पूछताछ में आरोपियों ने बताया कि लगभग 6 सालों से जालसाजी कर रहे है। अभी तक लगभग 20 करोड़ रुपए की ठगी कर चुके हैं।

नेट बैंकिंग की खामियों का फायदा उठा रहे जालसाज
आरोपियों ने बताया कि वो SBI (स्टेट बैंक आफ इंडिया) के योनो मोबाइल एप, स्क्योर मनी एप और BOI (बैंक ऑफ बड़ौदा) के मनी पासबुक व अन्य बैंकों द्वारा चलाए जा रहे कस्टमर एप की कमियों का फायदा उठा कर ठगी करते थे। खाता धारकों को फोन करके उनसे बैंक डिटेल (एकाउंट नंबर, ATM कार्ड नंबर, पासवर्ड, एक्सपायरी डेट, CVVनंबर) और ओटीपी नंबर लेकर नेट बैंकिंग जनरेट करके उनके खातों से रुपए ट्रांसफर कर लेते थे। किसी खाता धारक द्वारा बैंक में FD व अन्य माध्यम से रकम जमा किए गए हैं तो उन पर लोन लेकर रकम को फर्जी खातों में ट्रांसफर कर लेते थे। गिरोह के हर सदस्य का अलग-अलग काम निर्धारित है। जैसे-फर्जी सिम, फर्जी खाते उपलब्ध कराना, पुलिस के संबंध में जानकारी देना, कॉलिंग करना, रुपयों को कैश कराना आदि। सभी सदस्यों को उनके काम के हिसाब से हिस्सा मिलता है। खाता उपलब्ध कराने वाले सदस्य, मजदूरों से मजदूरी उनके खाते में देने के नाम पर खाता खुलवाकर पासबुक व ATM अपने पास रख लेते थे।

ऐसे करते थे जालसाजी

  • SBI के खाता धारकों को कॉल करके उनसे OTP मांगते। उसके बाद इंटरनेट बैंकिंग का एक्सेस ले लेते। फिर नेट बैंकिंग के जरिए से खाते में SBI स्क्योर एप को रजिस्टर्ड कर लेते थे। SBI स्क्योर एप में एक बार OTP की जरूरत होती है। क्योंकि यह एप नेशनल व इंटरनेशनल स्तर पर प्रयोग किया जाता है। जिसमें बार-बार ओटीपी नहीं आता है। जिसका फायदा उठाकर लाखों का ट्रांजेक्शन कर लेते है।
  • हीरो फाइनेंस एप में कस्टमर ID की एक सीरीज डालते। जिसमें जिसका ज्यादा बकाया है, उस कस्टमर को कॉल कर डिस्काउंट का ऑफर देकर उनसे रकम की ठगी करते।
  • मेन टारगेट CUG नंबर होते हैं, जिन पर सीरीज से फोन किया जाता था। अगर कोई कस्टमर फंस जाता, तो उनकी बैंक की जानकारी प्राप्त कर बताए हुए तरीके से रकम का ट्रांजेक्शन करते। ज्यादातर सचिवालय, पुलिस व सरकारी विभाग से रिटायर कर्मचारी, अफसर को टारगेट करते। उन्हें ज्यादा लाभ देने का लालच देकर उनसे OTP ले लेते। उनके खाते की रकम की FD बना देते। फिर उस FD पर लोन लेकर रुपयों को ट्रांसफर कर लेते थे।

8वीं पास जालसाज अफसरों तक को लगा रहे थे चूना
एडीजी रामकुमार ने बताया कि गिरोह का मास्टरमाइंड प्रमोद मंडल ग्रेजुएट है। बाकी सभी सदस्य 8वीं पास हैं। यह लोग साइबर क्राइम की अलग से ट्रेनिंग लेकर देश भर के अधिकारियों से लेकर बड़े कारोबारियों तक को चूना लगा रहे हैं।

इनकी हुई गिरफ्तारी

  • विजय उर्फ प्रमोद मंडल (29) पुत्र नागेंद्र मंडल निवासी सलजोरा बंदरी थाना सरैया हाट जनपद दुमका झारखंड
  • मनोज मंडल (27) पुत्र नागेंद्र मंडल निवसी सलजोरा बंदरी थाना सरैया हाट जनपद दुमका झारखंड
  • राजेश कुमार (20) मंडल पुत्र मोती मण्डल सलजोरा बंदरी थाना सरैया हाट दुमका झारखंड
  • करन कुमार मंडल (19) पुत्र राजकिशोर मंडल निवासी सलजोरा बंदरी थाना सरैया हाट जनपद दुमका झारखंड
  • जितेंद्र कुमार मंडल (31)पुत्र राजेन्द्र मंडल निवासी घोटिया बड़ा असाहना थाना मोहनपुर जनपद देवघर राज्य झारखंड