5 चीनी लोगों ने भारत सरकार का नेटवर्क और 100 अमेरिकी कंपनियों को हैक किया

International
  • अमेरिका ने 2 मलेशियाई नागरिकों को भी गिरफ्तार किया है, जो हैकर्स की मदद कर रहे थे और लोगों को निशाना बना रहे थे
  • चीन के हैकर्स ने विदेशी सरकारों, थिंक टैंक्स, विश्वविद्यालयों, एनजीओ और हॉन्गकॉन्ग के एक्टिविस्ट को निशाना बनाया

(www.arya-tv.com)यूएस जस्टिस डिपार्टमेंट ने चीन के 5 नागरिकों पर 100 अमेरिकी कंपनियों और संस्थानों को हैक करने का केस दर्ज किया गया है। डिपार्टमेंट के मुताबिक, इन लोगों ने भारत सरकार का नेटवर्क भी हैक किया था। इन लोगों ने हैकिंग के जरिए सॉफ्टवेयर डाया और खुफिया कारोबारी सूचनाएं चुराईं।

डिप्टी यूएस अटॉर्नी जनरल जेफरी रोजेन ने बुधवार को बताया कि 5 चीनी नागरिकों पर हैकिंग और दो मलेशियाई नागरिकों पर कुछ हैकर्स की मदद करने और डाटा चुराने के लिए लोगों को निशाना बनाने का आरोप लगाया गया है। मलेशियाई नागरिकों को गिरफ्तार कर लिया गया है और चीनी नागरिकों को भगोड़ा करार दिया गया है। एफबीआई इनकी तलाश कर रही है और इनकी तस्वीरें भी जारी की गई हैं।

इसी साल भारत सरकार की वेबसाइट को हैक किया
रोजन ने बताया कि हैकर्स ने 2019 में भारत सरकार की वेबसाइट को निशाना बनाया। इसके अलावा इन्होंने भारत सरकार को सपोर्ट करने वाले वर्चुअल प्राइवेट नेटवर्क और डाटा सर्वर्स को भी निशाना बनाया। भारत सरकार के ओपेन VPN नेटवर्क तक पहुंचने के लिए इन हैकर्स ने VPS प्रोवाइडर का इस्तेमाल किया। हैकर्स ने सरकार के कम्प्यूटरों पर मालवेयर कोबाल्ट स्ट्राइक इन्स्टॉल किया।

चीन खुद को बचाने के लिए दूसरों के कम्प्यूटर से सूचनाएं चुराता है- अमेरिका
रोजेन ने कहा कि हमारा विभाग इन चीनी नागरिकों की ओर से की जा रही अवैध कम्प्यूटर घुसपैठ और साइबर अटैक को रोकने के लिए हर कदम उठाएगा। खेद की बात है कि लंबे समय से चीन ने खुद को साइबर हमलों से बचाने के लिए अलग रास्ता अपना लिया है, जिसके तहत वो दूसरे देशों के कम्प्यूटर पर हमला करते हैं और चीन के लिए फायदेमंद खुफिया सूचनाएं चुराते हैं।

रोजेन ने बताया कि सॉफ्टवेयर डेवलपमेंट, कम्प्यूटर हार्डवेयर, टेलीकम्युनिकेशन, सोशल मीडिया, वीडियो गेम्स कंपनियां हैकर्स का निशाना बनी हैं। इसके अलावा एनजीओ, थिंक टैंक्स, विश्वविद्यालयों, विदेशी सरकारों, लोकतंत्र समर्थक नेताओं और हॉन्गकॉन्ग के एक्टिविस्ट को भी निशाना बनाया गया।