दो वर्ष तक के 47 सौ बच्‍चे टीकाकरण से वंचित,ज्यादातर को केवल पोलियो व बीसीजी का ही टीका लगा है

Gorakhpur Zone Health /Sanitation

(www.arya-tv.com) कोविड संक्रमण को लेकर सरकार की बच्चों पर विशेष नजर है। पीडियाट्रिक व नियो नेटल आइसीयू की संख्या बढ़ाई जा रही है। अभी बच्‍चों के लिए कोई कोरोना रोधी वैक्सीन नहीं आ पाई है। इसलिए नियमित टीकाकरण पर जोर दिया जा रहा है। ऐसे में सात से 15 सितंबर तक हुए डोर टू डोर सर्वे में चौंकाने वाले तथ्य सामने आए। 4784 बच्‍चों को नियमित टीका लगा ही नहीं है। इनमें से ज्यादातर को केवल जन्म के समय लगने वाला बीसीजी का टीका व पोलियो की पहली खुराक ही पिलाई गई है। जबकि लगभग सभी बीमारियों का टीका दो वर्ष तक लग जाता है।

बच्‍चों के टीकाकरण से वंचित रहने को लेकर मचा हडकंप

टीकाकरण से वंचित बच्‍चों के बारे में पता चलने पर स्वास्थ्य महकमे में हड़कंप मच गया। आनन-फानन में टीम भेजकर उन्हें टीका लगवाया गया। सीएमओ ने सख्त हिदायत दी कि बच्‍चों के जन्म के साथ ही उनके माता-पिता को नियमित टीकाकरण कार्ड उपलब्ध करा दिया जाए, ताकि वे समय से स्वास्थ्य केंद्रों पर आकर टीका लगवा लें।

अभिभावकों को पता ही नहीं था कि कब लगता है टीका

ज्यादातर अभिभावकों को पता ही नहीं था कि बच्‍चे को टीका कब-कब लगवाना है। उन्हें स्वास्थ्य कर्मी प्रेरित नहीं कर पाए। इसके अलावा नियमित टीकाकरण से वंचित गर्भवती व कोविड टीकाकरण से वंचित 45 से अधिक उम्र वालों की भी तलाश की गई। उनकी सूची बनाई गई है। टीका लगवाने के लिए बूथ पर जाने के लिए उन्हें प्रेरित किया गया है।

क्‍या कहते हैं आंकडे

178524 घरों में हुआ सर्वे

4748 बच्‍चों को नहीं लगा था टीका

2164 गर्भवती टीकाकरण से वंचित मिलींं

45 पार 7373 लोगों को नहीं लगा कोरोना रोधी टीका

1204 बुखार के रोगी मिले

26 टीबी के मरीज मिले

09 सांस फूलने की समस्या से ग्रसित थे

टीका करण कराने के लिए किया जा रहा प्रचार-प्रसार

सीएमओ डा. सुधाकर पांडेय बताते हैं कि बच्‍चों के टीकाकरण पर जोर दिया जा रहा है। सभी स्वास्थ्य केंद्रों को हिदायत दी गई है कि प्रत्येक बुधवार व शनिवार को नियमित टीकाकरण किया जाए। इसका गांवों में प्रचार भी किया जाए, ताकि लोग अपने ब’चों का निर्धारित दिवसों पर टीकाकरण करा सकें।