उत्तर प्रदेश के आगरा जिले के कौलारा कलां गांव में एक व्यक्ति और उसकी 10 साल बेटी के विरोध के बाद प्रशासन शराब की एक दुकान को स्थानांतरित करने पर सहमत हो गया है. अधिकारियों ने बताया कि कौलारा कलां गांव निवासी बंटी सिकरवार और उसकी बेटी अंशिका शराब की एक दुकान को हटाने की मांग को लेकर अनशन पर बैठे थे, जिसके बाद प्रशासन ने मामले में हस्तक्षेप किया.
बंटी सिकरवार ने मीडिया से कहा, “मैंने शराब की एक दुकान को हटाने की मांग को लेकर एक अप्रैल को शांतिपूर्ण विरोध-प्रदर्शन शुरू किया था. इसके कुछ दिनों बाद मेरी बेटी भी मेके साथ बैठ गई और अनशन शुरू कर दिया.” बंटी ने बताया कि शराब की यह दुकान उस रास्ते पर स्थित है, जिसका हम नियमित रूप से इस्तेमाल करते हैं और हम चाहते थे कि इसे कहीं और स्थानांतरित कर दिया जाए.
शराब पीकर गाली गलौज करते हैं लोग- बंटी
बंटी सिकरवार ने बताया है कि शराब के ठेके के आसपास लोग शराब पीते हैं, गाली गलौज करते हैं. बहन बेटियों का भी लिहाज नहीं करते है. साथ ही रास्ते से बहन-बेटियों का निकला मुश्किल होता है. एक मिसाल कायम हो गई है कि एक 10 साल की बेटी ने अपने उस पिता का साथ दिया है, जो पिछले करीब 19 दिन से अनशन में बैठा हुआ था.
नई जगह ढूंढने तक चलता रहेगा ठेका- अधिकारी
जिला आबकारी अधिकारी नीरज द्विवेदी ने इस घटनाक्रम की पुष्टि की. उन्होंने कहा, “शराब की यह दुकान पिछले पांच साल से चल रही है. जब पिता-पुत्री ने आपत्ति जताई तो हमने गांव का दौरा किया और स्थानीय लोगों से चर्चा की.” उन्होंने कहा, ”चर्चा में तय हुआ कि गांव वाले खुद ही दुकान के लिए कोई वैकल्पिक स्थान सुझाएंगे. जब तक वे ऐसा नहीं करते, दुकान अपने मौजूदा स्थान पर ही चलती रहेगी. जैसे ही गांव वाले कोई नया स्थान तय कर लेंगे, हम उसे वहां स्थानांतरित कर देंगे.”