वीक-ऑफ लेते हैं यहां के भिखारी, दिन के हिसाब से बदलते हैं भगवान

Fashion/ Entertainment

जम्मू के भिखारी भगवान के फोटो का बखूबी इस्तेमाल कर रहे हैं। भिखारी बने बच्चे किसी दिन मां वैष्णो देवी तो किसी दिन भोलेनाथ की तस्वीर थाली में सजाकर भीख मांगने निकल पड़ते हैं। हर भिखारी का अपना इलाका है। शहर के व्यस्त स्थानों और स्कूल-कॉलेजों, शॉपिंग मॉल और सिनेमा हॉल के बाहर ये भिखारी पैसे मांगने के लिए लोगों का काफी दूर तक पीछा करते हैं, साथ ही कपड़े भी खींचते हैं।
इससे ये लोगों के लिए सिरदर्द भी बने हुए हैं। साथ ही ये भिखारी रविवार को वीक-ऑफ भी लेते हैं। हालांकि, जम्मू-कश्मीर में भीख मांगना प्रतिबंधित नहीं है, पर शहर में भिखारियों की संख्या दिन-प्रतिदिन बढ़ती जा रही है। व्यस्त इलाकों में चौक-चौराहों पर भीख मांगने के दौरान पीछा करने से दुर्घटना होने का भी खतरा बना रहता है। जिससे रास्ता चलने में भी परेशानी आती है।

इससे ये लोगों के लिए सिरदर्द भी बने हुए हैं। साथ ही ये भिखारी रविवार को वीक-ऑफ भी लेते हैं। हालांकि, जम्मू-कश्मीर में भीख मांगना प्रतिबंधित नहीं है, पर शहर में भिखारियों की संख्या दिन-प्रतिदिन बढ़ती जा रही है। व्यस्त इलाकों में चौक-चौराहों पर भीख मांगने के दौरान पीछा करने से दुर्घटना होने का भी खतरा बना रहता है। जिससे रास्ता चलने में भी परेशानी आती है।

इससे ये लोगों के लिए सिरदर्द भी बने हुए हैं। साथ ही ये भिखारी रविवार को वीक-ऑफ भी लेते हैं। हालांकि, जम्मू-कश्मीर में भीख मांगना प्रतिबंधित नहीं है, पर शहर में भिखारियों की संख्या दिन-प्रतिदिन बढ़ती जा रही है। व्यस्त इलाकों में चौक-चौराहों पर भीख मांगने के दौरान पीछा करने से दुर्घटना होने का भी खतरा बना रहता है। जिससे रास्ता चलने में भी परेशानी आती है।

इससे ये लोगों के लिए सिरदर्द भी बने हुए हैं। साथ ही ये भिखारी रविवार को वीक-ऑफ भी लेते हैं। हालांकि, जम्मू-कश्मीर में भीख मांगना प्रतिबंधित नहीं है, पर शहर में भिखारियों की संख्या दिन-प्रतिदिन बढ़ती जा रही है। व्यस्त इलाकों में चौक-चौराहों पर भीख मांगने के दौरान पीछा करने से दुर्घटना होने का भी खतरा बना रहता है। जिससे रास्ता चलने में भी परेशानी आती है।