राम गोपाल यादव की ‘राजनीति के उस पार’ पुस्तक का कवि कुमार विश्वास करेंगे लोकार्पण

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(www.arya-tv.com)प्रदेश की राजधानी लखनऊ में समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय महासचिव व राज्यसभा सांसद प्रोफेसर राम गोपाल यादव की ‘राजनीति के उस पार’ पुस्तक का विमोचन मंगलवार को किया जाएगा। सपा प्रमुख अखिलेश यादव चाचा राम गोपाल यादव की पुस्तक विमोचान की अध्यक्षता करेंगे। इंदिरा गांधी प्रतिष्ठान में आयोजित कार्यक्रम में बतौर लोकार्पण कवि कुमार विश्वास भी मौजूद रहेंगे। पुस्तक विमोचन समारोह में कई वरिष्ठ पत्रकार और समाजवादी पार्टी के नेता भी कार्यक्रम में मौजूद रहेंगे। बीते पांच साल संसद में मेरी बात पुस्तक का विमोचन तत्कालीन सपा प्रमुख मुलायम सिंह यादव व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने किया था।

मुलायम की रामगोपाल यादव से नजदीकियां
उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री और समाजवादी पार्टी के मुखिया मुलायम सिंह यादव प्रदेश की राजनीति के प्रमुख स्तंभ रहे हैं। उनके चचेरे भाई प्रोफ़ेसर रामगोपाल यादव से उनकी नजदीकियां रामगोपाल यादव से । पेशे से अध्यापक रहे रामगोपाल यादव मुलायम सिंह यादव के थिंक टैंक कहे जाते हैं। यादव परिवार में सबसे पढ़े- लिखे माने जाने वाले रामगोपाल यादव पार्टी में बड़ी हैसियत रखते हैं। फिलहाल वो समाजवादी पार्टी से राज्यसभा सांसद हैं। रामगोपाल यादव राजनीति में नहीं आना चाहते थे। हालांकि भाई मुलायम के आग्रह पर वह राजनीति में आए और फिर पार्टी के ‘चाणक्य’ बन गए। मुलायम के हर फैसले में इनकी सलाह शामिल रहती थी। वह रामगोपाल ही थे जिन्होंने सबसे पहले अखिलेश यादव को मुख्यमंत्री बनाने की सफल सिफारिश की थी।

राज्यसभा के सांसद हैं राम गोपाल यादव
रामगोपाल यादव का जन्‍म 29 जून 1946 को उत्‍तरप्रदेश के इटावा जिले में हुआ। वह समाजवादी पार्टी अध्यक्ष मुलायम सिंह यादव के छोटे भाई है। पेशे से अध्यापक रामगोपाल वर्तमान में समाजवादी पार्टी के टिकट पर उत्तर प्रदेश से राज्यसभा के सांसद हैं। वर्तमान में वे समाजवादी पार्टी के महासचिव हैं। यादव ने भौतिकी और रानजीतिक विज्ञान दोनों ही विषयों में स्‍तानकोत्‍तर की डिग्री हासिल की और इसके बाद उन्‍होंने आगरा से पीएचडी की। 1969 से 1974 तक यादव ईटावाह के स्‍नातकोत्‍तर महाविद्यालय में व्‍याख्‍याता रहे, इसके बाद 1974 से 1994 तक ईटावाह के ही चौधरी चरण डिग्री कॉलेज के प्रधानाध्‍यापक रहे। उनकी उच्च शिक्षा कानपुर विश्वविद्यालय और आगरा विश्वविद्यालय में पूरी हुई। वह डॉ. राममनोहर लोहिया ट्रस्ट के सचिव हैं। प्रो. रामगोपाल यादव 1969 में केके पीजी कॉलेज में फिजिक्स के लेक्च्रर बने। बाद में उन्होंने राजनीतिक विज्ञान विभाग के अध्यक्ष के तौर पर शिक्षण कार्य किया। इसके बाद वह चौधरी चरण सिंह डिग्री कॉलेज के प्राचार्य रहे। कहा जाता है कि कोई बड़ा फैसला लेते समय मुलायम सिंह यादव प्रो. रामगोपाल से सलाह लेते हैं।

वर्ष 1992 में राज्यसभा के सदस्ये बने

राजनीति में प्रवेश प्रो. रामगोपाल ने वर्ष 1989 में जिला परिषद का चुनाव जीतकर अध्यक्ष की कुर्सी थामी। वर्ष 1992 में राज्यसभा के सदस्ये बने। इसके बाद रामगोपाल लगातार राज्यसभा पहुंचे। अब भी राज्यसभा के सदस्य हैं। वह मुलायम सिंह यादव के राजनैतिक सलाहकार भी रह चुके हैं। 1992 में पहली बार वह राज्‍यसभा चुनाव में निर्वाचित हुए तथा विज्ञान और तकनीकी एवं पर्यावरण एवं वन समिति के सदस्‍य रहे। इसके बाद 1998 के राज्‍यसभा चुनाव में वे दोबारा निर्वाचित हुए। 2004 के लोकसभा चुनाव में भी वे संबल क्षेत्र से निर्वाचित हुए थे।