बिना अग्रिम जमानत के चिदंबरम को हिरासत में लेकर पूछताछ करना चाहती है ईडी

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प्रवर्तन निदेशालय ने गुरुवार को सुप्रीम कोर्ट में कहा कि मनी लॉन्ड्रिंग समाज और राष्ट्र के खिलाफ एक अपराध है। और पूर्व वित्त मंत्री पी चिदंबरम को हिरासत में लेकर पूछताछ करने की मांग की। ईडी ने कहा कि चिदंबरम से पूछताछ आईएनएक्स मीडिया केस में बड़ी साजिश का खुलासा करने के लिए जरूरी है।
ईडी ने न्यायाधीश आर भानुमती और एएस बोपन्ना की पीठ को बताया कि इस स्तर पर वह जांच के दौरान इकट्ठा किए गए सबूत चिदंबरम को नहीं दिखा सकती है क्योंकि पैसे से संबंधित सबूत मिटाए जा सकते हैं। सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने ईडी का पक्ष रखते हुए कहा कि सबूतों को उजागर करन की कोई जरूरत नहीं है।

उन्होंने कहा, ‘मनी लॉन्ड्रिंग देश और समाज के खिलाफ एक अपराध है और जांच एजेंसी का यह अधिकार और कर्तव्य है कि वह पूरी साजिश को उजागर करे।’ सॉलिसिटर जनरल ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट ने भी लगातार इस बात को माना है कि आर्थिक अपराध बेहद गंभीर अपराध है, चाहे इसके लिए कोई भी सजा सुनाई गई हो।

उन्होंने कहा, ‘मेरे पास यह दिखाने के सबूत हैं कि आईएनएक्स मीडिया मामले में मनी लॉन्ड्रिंग साल 2009 के बाद फिर शुरू हुई और आज भी हो रही है।’ उन्होंने कहा कि ईडी चिदंबरम से हिरासत में पूछताछ करना चाहती है और भी बिना अग्रिम जमानत के।