अयोध्या में राम मंदिर निर्माण की कवायद शुरू हो गई है। इसी कोशिश में श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के सदस्यों ने शनिवार को राम जन्मभूमि परिसर का निरीक्षण किया। ट्रस्ट के नवनियुक्त महासचिव चंपत राय शुक्रवार देर रात अयोध्या पहुंचे थे। शनिवार को उन्होंने जिलाधिकारी अनुज झा, राजा अयोध्या बिमलेंद्र मोहन मिश्र और डॉ. अनिल मिश्रा के साथ परिसर का निरीक्षण किया।
दरअसल, राम जन्मभूमि में विराजमान श्री रामलला को गर्भगृह से हटाकर अस्थायी मंदिर में शिफ्ट करने की रणनीति बनाई गई है। यह मंदिर फाइबर का होगा, जिसके लिए अधिगृहीत परिसर में मानस भवन के दक्षिणी हिस्से में प्रशासन ने नाप-जोख कराई है।
छह दिसंबर 1992 की घटना के बाद से ही रामलला अस्थायी टेंट में विराजमान हैं। जब तक मंदिर का निर्माण पूरा नहीं हो जाता, रामलला वर्तमान स्थल से शिफ्ट होकर फाइबर के मंदिर में विराजेंगे।
रामलला के टेंट से बाहर लाने की तैयारी पूरी : मुख्य पुजारी
रामजन्मभूमि के मुख्य पुजारी आचार्य सत्येंद्र दास बताते हैं कि रामलला के भव्य मंदिर निर्माण कार्य प्रारंभ होने में अब देर नहीं है। इसलिए उससे पहले उन्हें टेंट से बाहर निकालने की भी तैयारी पूरी की जा चुकी है। इंजीनियरों की टीम ने इसके लिए अधिगृहीत परिसर में नाम जोख की है। रामलला को शिफ्ट करने की जगह को चिह्नित किया जा चुका है।
रामकोट बनेगा श्रीरामलला विराजमान राजस्व गांव
सरकार 67 एकड़ जमीन और उससे जुड़ी भूमि को मिलाकर नया राजस्व ग्राम श्रीरामलला विराजमान बनाने की तैयारी कर रही हैै। आसपास की कुछ और जमीनों के अधिग्रहण के बाद इसका पूरा क्षेत्र करीब 100 एकड़ तक हो सकता है। विहिप के सूत्रों का दावा है कि श्रीरामलला राजस्व ग्राम अयोध्या नगर निगम में दर्ज होकर श्रीरामलला शहर हो जाएगा, इसकी कवायद शुरू हो चुकी है।