मेरठ(www.arya-tv.com) जीएसटी चोरों के खिलाफ चलाए जा रहे विशेष अभियान में अब तक 3500 करोड़ से ज्यादा की फर्जी बिलिंग का खुलासा हो चुका है। ऐसे करदाताओं पर अब आयकर विभाग भी शिकंजा कसेगा।
एक तरफ जीएसटी विभाग से बिलों की संपूूर्ण जानकारी ली जाएगी। इसके साथ ही आयकर विभाग अपने स्तर पर आय की स्थिति का सत्यापन कराएगा। सत्यापन में और राज खुलने पर करदाताओं से अतिरिक्त आय पर जवाब मांगा जाएगा।
जीएसटी एक जुुलाई 2017 को लागू हुआ था। साढ़े तीन साल में विभाग की ओर से इसमें कई संशोधन किए गए। ऐसे में बड़ी संख्या में व्यापारियों ने इनपुट टैक्स क्रेडिट के नाम पर फर्जीवाड़ा कर करोड़ों रुपये के राजस्व को चपत लगाई। इसमें विक्रेता ने फर्जी फर्म के सहारे क्रेता को बिल जारी कर दिए।
इसका लाभ क्रेता और विक्रेता ने दोनों ने लिया। जीएसटी विभाग को धोखे में रखा गया। इसके साथ ही अतिरिक्त आय को भी छिपाया गया। फर्जी बिलों के सहारे नो प्रोफिट नो लॉस संस्थाओं ने करोड़ों रुपये कमाए। इसका सर्वाधिक लाभ निर्माण से जुड़े लोगों के साथ अन्य संस्थाओं ने उठाया।