इसरो के मुताबिक, चांद के गुरुत्व क्षेत्र में प्रवेश करने पर चंद्रयान-2 के प्रोपेलिंग सिस्टम का इस्तेमाल इसकी रफ्तार धीमी करने के लिए किया जाएगा, ताकि यह चांद की प्रारंभिक कक्षा में प्रवेश कर सके। पृथ्वी के प्रभाव वाले क्षेत्र से चांद के आभामंडल में यह 14 अगस्त को प्रवेश करेगा।
इसरो ने ट्वीट के जरिए लोगों से एक सवाल पूछा है। अपने ट्विटर हैंडल पर इसरो ने लिखा है कि ‘किसी का भी बचपन चांद की कहानियों के बिना पूरा नहीं होता। चांद से जुड़ी आपके बचपन की भी यादें होंगी। तो आप अपने बचपन की पसंदीदा चांद से जुड़ी याद हमें बताएं और इसरो के सोशल प्लेटफॉर्म्स पर अपना नाम बनाने का मौका पाएं।’