गूगल पर लगा 12.24 लाख करोड़ का जुर्माना

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विश्व की दिग्गज टेक कंपनी गूगल पर अमेरिका के फेडरल ट्रेड कमीशन ने 12.24 लाख करोड़ रुपये (17 करोड़ डॉलर) का जुर्माना लगाया है। कंपनी पर आरोप है कि इसकी सहयोगी और वीडियो शेयरिंग कंपनी यूट्यूब ने गैरकानूनी तरीके से बच्चों का डाटा इकट्ठा किया था, और फिर उसे आगे चलकर अन्य तीसरे पक्ष की कंपनियों के साथ शेयर किया था। इस डाटा को इकट्ठा करने के लिए कंपनी ने माता-पिता से सहमति भी नहीं ली थी।

जुर्माना भरने के लिए हुआ राजी
गूगल ने एफटीसी और न्यूयॉर्क स्टेट अटॉर्नी के सामने अपनी गलती को मानते हुए जुर्माना भरने के लिए सहमति जता दी है। एफटीसी के चेयरमैन जो सीमंस ने कहा यूट्यूब को बच्चे सबसे ज्यादा पसंद करते हैं। ऐसे में बच्चों की निजी जानकारी को किसी तीसरे पक्ष से साझा करना अमेरिकी कानून का सीधा उल्लंघन है।

बच्चों के निजता उल्लंघन पर सबसे बड़ा जुर्माना
बच्चों के निजता उल्लंघन के मामले में अमेरिका के उपभोक्ता सुरक्षा नियामक फेडरल ट्रेड कमिशन द्वारा लगाया गया यह अब तक का सबसे बड़ा जुर्माना होगा। इस मामले से जुड़े गैर लाभकारी समूह कामर्शियल-फ्री चाइल्डहुड के कार्यकारी अधिकारी जोश गोलिन ने कहा, ‘यूट्यूब ने बच्चों के निजता संबंधी कानून को नजरअंदाज करते हुए अवैध रूप से डाटा एकत्र किया और भारी मुनाफा कमाया।’

फेसबुक पर 3500 करोड़ रुपये का जुर्माना
पिछले महीने एफटीसी ने उपयोगकर्ताओं के निजी डाटा के गलत इस्तेमाल के लिए फेसबुक पर 5 अरब डॉलर ( 3500 करोड़ रुपये) का जुर्माना लगाया था। अमेरिकी नागरिकों के सोशल मीडिया डाटा, जेनेटिक डाटा, फेशियल रिकॉग्निशन डाटा तथा अन्य निजी डाटा की सुरक्षा को बढ़ावा देने के लिए कांग्रेस के सदस्यों ने इस साल कम से कम एक दर्जन निजी एवं पारदर्शिता विधेयक लाए हैं।

बच्चों की निजता से जुड़े एक मामले में एफटीसी ने इसी साल सोशल वीडियो शेयरिंग एप टिकटॉक के मालिकों पर रिकार्ड 57 लाख डॉलर (करीब 40 करोड़ रुपये) का जुर्माना लगाया था।