एशेज 2019: अंपायरों ने ICC के इस नियम के तहत लिया बड़ा फैसला

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इंग्लैंड और ऑस्ट्रेलिया के बीच चल रहे एशेज सीरीज के चौथे टेस्ट के पहले दिन मैदान पर कुछ देर तक बिना बेल्स (गिल्लियों) के ही खेला गया। मैनचेस्टर में खेल जा रहे चौथे टेस्ट मैच के दौरान लंच के बाद जब दूसरे सत्र का खेल जारी था, तब मैदान पर घने बादल छाए हुए थे और तेज हवाएं चल रही थीं।

ऑस्ट्रेलियाई पारी का 32वां ओवर फेंका जा रहा था। इस दौरान हवा इतनी तेज गति से चल रही थी कि, विकेट पर गिल्लियां टिक नहीं पा रही थीं और वो बार बार स्टंप्स से नीचे गिर जा रही थी। इसके बाद जब स्टंप्स पर बेल्स टिकती नहीं दिखीं, तो मैदान पर खड़े अंपायर कुमार धर्मसेना और मराएस एरासमस ने आपसी बातचीत के बाद बिना बेल्स के खेल को जारी रखने का फैसला किया।
बेल्स हटाए जाने से इंग्लिश कप्तान जो रूट ने नाराजगी जताई और अंपायरों से कहा कि वह बेल्स के साथ ही खेल को जारी रखें, लेकिन अंपायरों का यह निर्णय आईसीसी के नियमों के मुताबिक ही था। इसलिए तब तक खेल बिना बेल्स के ही खेला गया, जब तक कि हवा की गति कम नहीं हुई। हवा कम होने के बाद बेल्स को विकेट पर लगा दिया गया।
आईसीसी का नियम 8.5 के अनुसार अगर जरूरी हो तो अंपायर स्टंप्स से बेल्स हटाने का निर्णय ले सकते हैं। अगर बेल्स हटाने पर अंपायर राजी होते हैं तो विकेट के दोनों छोर पर कोई भी बेल्स नहीं होगी। परिस्थितियां जब स्टंप्स पर बेल्स टिकने के लायक होंगी, अंपायर बेल्स को स्टंप्स पर फिर लगाएंगे।
अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट के इतिहास में यह दूसरा मौका था, जब कोई मैच कुछ देर विकेट पर बिना बेल्स के ही खेला गया हो। बिना बेल्स के मैच जारी रहने की पहली घटना साल 2017 की है, जब अफगानिस्तान और वेस्ट इंडीज के बीच एक मैच खेला जा रहा था। तब भी मैदान पर तेज हवाओं के चलते बेल्स को हटाया गया था।