डेयरी सेक्टर में 5 सालों में 5000 करोड़ का निवेश: मिल्क प्रोसेसिंग यूनिट लगाने पर 5 करोड़ की छूट

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(www.arya-tv.com)  योगी सरकार ने गुरुवार को कैबिनेट की बैठक में उत्तर प्रदेश दुग्धशाला विकास एवं दुग्ध उत्पाद प्रोत्साहन नीति-2022 को हरी झंडी दे दी है। नई नीति के तहत अब यूपी में मिल्क प्रोसेसिंग यूनिट लगाने पर 5 करोड़ तक की सब्सिडी मिलेगी। इसके अलावा पांच सालों के लिए 10 करोड़ रुपए ब्याज पर अनुदान दिया जाएगा।

इस अनुदान से दूध और उससे आधारित प्रोडक्ट्स की उपलब्धता को बढ़ाया जा सकेगा। इस नीति का मुख्य उद्देश्य प्रदेश को वन ट्रिलियन डॉलर इकोनॉमी बनाने का है। इसके तहत अगले पांच सालों में 5 हजार करोड़ के पूंजी निवेश का लक्ष्य हासिल किया जाएगा।

रोजगार में मिलेगी मदद
प्रदेश में अभी कुल मार्केटेबल सरप्लस दुग्ध का प्रोसेसिंग लगभग 10 प्रतिशत ही हो पाता है। ऐसे में नई नीति से दुग्ध उत्पादक किसानों को लाभ पहुंचाने के लिए इसकी क्षमता बढ़ाकर 25 प्रतिशत तक की जाएगी, जिससे वर्तमान मिल्क प्रोसेसिंग क्षमता को 44 प्रतिशत से बढ़ाकर 65 प्रतिशत तक किया जाएगा।

इससे जहां प्रदेश में बड़े पैमाने पर निवेश बढ़ेगा, वहीं रोजगार भी बढ़ेगा। इसके साथ ही मिल्क प्रोसेसिंग यूनिट लगाने के लिए और उसके डेवलपमेंट के लिए प्लांट, मशीनरी, तकनीकी सिविल कार्य और स्पेयर पार्ट्स की लागत का 10 प्रतिशत या अधिकतम 5 करोड़ की सब्सिडी दी जाएगी।

5000 करोड़ का निवेश मिलने की उम्मीद
योगी सरकार की नई दुग्ध नीति सूबे की वन ट्रिलियन डॉलर इकोनॉमी के लक्ष्य का आधार बनेगी। यह नीति ग्रामीण अर्थव्यवस्था को बेहतर करने के साथ पोषण सुरक्षा में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगी। वहीं, तैयार की गई यह नीति जनवरी में होने जा रहे ग्लोबल इनवेस्टर्स समिट में विदेशी निवेशकों को आकर्षित करेगी। नीति के माध्यम से 5000 करोड़ रुपए के निवेश की उम्मीद है।

इसके तहत ग्रीन फील्ड डेयरी की स्थापना और क्षमता विकास, प्रौद्योगिकी उच्चीकरण के लिए भी निवेश बढ़ाया जा सकेगा। कैटल फील्ड प्लांट की स्थापना, रेफ्रिजरेटेड वैन, इंसुलेटेड मिल्क टैंक और अन्य कोल्ड चेन इन्वेस्टमेंट, लघु उद्यम आधारित दुग्ध प्रोसेसिंग के लिए निवेश पाने का लक्ष्य तय किया गया है।

दूसरी ओर दूध के वाजिब दाम मिलने पर लोग बेहतर प्रजाति के गोवंश रखेंगे। ये लंबे समय तक पूरी क्षमता से दूध दें, इसके लिए संतुलित एवं पोषक पशु आहार देंगे। इस तरह पशु आहार में प्रयुक्त चोकर, चुन्नी, खंडा, खली की मांग बढ़ेगी। पशुओं के ये आहार मुख्य रूप से अलग-अलग फसलों के ही प्रोडक्ट होते हैं।

संतुलित और पोषक आहार की मांग बढ़ने से इस तरह की इंडस्ट्री को बढ़ावा मिलेगा। साथ ही इनको बनाने के लिए कृषि उत्पादों की मांग का लाभ किसानों को मिलेगा। नई नीति में पशु आहार निर्माणशाला पर पहली बार योगी सरकार साढ़े सात करोड़ रुपए तक की छूट देगी। हर साल 1 लाख लोगों को रोजगार मिलेगा।