शी जिनपिंग के वफादार ली कियांग बने चीन के प्रधानमंत्री:इनकी जीरो कोविड पॉलिसी की पूरी दुनिया में हुई आलोचना

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(www.arya-tv.com) चीन की रबर स्टैंप पार्लियामेंट ने शनिवार को राष्ट्रपति शी जिनपिंग के वफादार ली कियांग को वहां का प्रीमियर यानी प्रधानमंत्री बनाया है। चीन के पॉलिटिकल सिस्टम में ये नंबर दो की पॉजिशन है। कियांग के समर्थन में नेशनल पीपल्स कांग्रेस के 2936 मेंबर्स ने वोट किया। जबकि 3 ने उनके खिलाफ वोटिंग की।

रिपोर्ट्स के मुताबिक चीन की जिस जीरो कोविड पॉलिसी की वजह से पूरी दुनिया में आलोचना हुई उसे तैयार और इंपलिमेंट करने वाले ली कियांग ही थे। बिजनेस इंसाइडर के मुताबिक कोविड पॉलिसी बूरी तरह फेल होने के बाद भी कियांग को जो प्रीमियर की पॉजिशन मिली है उसकी वजह सिर्फ शी जिनपिंग से उनके करीबी संबंध हैं। कुछ समय पहले तक वो चीन के टॉप 7 नेताओं में भी नहीं थे।

वोटिंग से पहले और बाद में कियांग और शी ने की बात
वोटिंग से पहले शी जिनपिंग और ली कियांग ने एक दूसरे से बातचीत की थी। चीन की संसद के ग्रेट हॉल में वोटिंग के बाद पूर्व प्रधानमंत्री ली केकियांग ने ली कियांग को कार्यभार सौंपा। अब उन पर दुनिया की दूसरी सबसे बड़ी इकोनॉमी को फिर से पटरी पर लाने का जिम्मा होगा। कियांग को चीन में बिजनेस फ्रेंडली माना जाता है।

कियांग सोमवार को एक प्रेस कांफ्रेंस करेंगे जिसमें वो कोरोना से डूबी चीन की इकॉनोमी को रिवाइव करने का प्लान बताएंगे। साथ ही चीन की आबादी से जुड़ी चुनौतियों पर भी अपने विचार रखेंगे।

चीन के नए प्रधानमंत्री को बुजुर्ग महिला ने डांटा था
जीरो कोविड पॉलिसी की वजह से ली कियांग के लिए 2022 काफी बुरा बीता था। उस दौरान ली ने शांघाई को कोविड मुक्त करने के लिए लोगों को घरों में कैद रहने पर मजबूर कर दिया। आम लोगों से लेकर बिलियनियर और सेलिब्रिटीज घरों में बंद कर दिए गए।

इस कैद को जायज ठहराते हुए उन्होंने कहा था कि देश को कोरोना से मुक्त करने के लिए ये जरूरी है। हालांकि इस पॉलिसी का नतीजा पूरी दुनिया ने तब देखा जब इसके खिलाफ लोग सड़कों पर उतरकर प्रदर्शन करने लगे । ये चीन में 1989 के तियानमन स्क्वेयर के बाद हुआ सबसे बड़ा प्रदर्शन था।

धीरे-धीरे कैद में रह रहे लोगों को गुस्सा फूटने लगा। सबसे पहले ये सोशल मीडिया पर दिखा जहां लोगों ने खाने की कमी होने की शिकायतें करना शुरू किया। जिन्हें चीन का सेंसर सिस्टम भी नहीं रोक पाया। एक पब्लिक विजिट के दौरान जब ली कियांग एक अस्पताल जा रहे थे तो वहां उनको व्हील चेयर पर बैठी एक बुजुर्ग महिला ने रोका और कोरोना क्राइसिस को ठीक से न हैंडल कर पाने पर डांट लगाई थी।

शी के सहारे कामयाबी की सीढ़ियां चढ़े ली-कियांग
ली कियांग के राजनीतिक सफर की शुरूआत चीन के यूथ लीग सिस्टम से हुई थी। इसके बाद वो चीन के वेंझोऊ इलाके के लीडर बने। इस समय शी जिनपिंग चीन के झेजियांग प्रोविंस के पार्टी सेक्रेटरी थे उन्हें इस इलाके में पार्टी को संभालने के लिए एक अच्छे नेता की जरूरत थी। तभी उनकी मुलाकात ली कियांग से हुई।

वहीं जब शी जिनपिंग नेशनल पार्टी के लीडर बने तो उन्होंने कियांग को 2012 में झेजियांग प्रोविंस का गवर्नर बना दिया। फिर 2016 में उन्हें जिआंग्सु इलाके का भी सेक्रेटरी बनाया गया और 2017 में उन्हें चीन के सबसे अहम शहरों में से एक शांघाई का पार्टी सेक्रेटरी बना दिया।