10 साल पहले परिवार चलाने को नहीं थे पैसे:अब हैं 1 करोड़ की कंपनी के मालिक

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(www.arya-tv.com)  इस कहानी की शुरुआत 2012 से होती है। सत्येंद्र कुशवाहा ने कक्षा 12 पास ही किया था कि उनके किसान पिता राज नारायण कुशवाहा को कैंसर हो गया। 9 फरवरी 2012 को उनकी डेथ हो गई।

घर में कोई और कमाने वाला नहीं था। सत्येंद्र ने कुछ काम करने की सोची। क्लीनिंग इक्विपमेंट बेचनी वाली वाराणसी की एक कंपनी का विज्ञापन देखा। चले तो गए पर मशीनों के दाम सुनकर होश उड़ गए। डीप क्लीनिंग की बेसिक मशीनों के दाम 55 हजार रुपये थे। वाराणसी से प्रयागराज लौटे सत्येंद्र ने ठान लिया कि मुझे इन मशीनों को खरीदना है और अपना स्टार्टअप डालना है।

दोस्तों से उधार लेकर शुरू किया काम
उस समय सत्येंद्र के पास पास तो एक रुपये भी नहीं थे। मेहनत मजदूरी की। 3 महीने में 18 हजार रुपये इकट्ठा किया और 10 हजार रुपये दोस्तों से उधार लिया। 28 हजार रुपये डाउन पेमेंट कर मशीनें उठा लीं। अगले दिन से कमसे कम 50 घरों में सोफा, वाशरूम, फर्श क्लीनिंग का काम मंगाने लगे। 5 दिन खाली चला गया। किसी ने काम नहीं दिया। छठवें दिन 6000 का काम मिला। बस, फिर क्या था। सत्येंद्र ने पीछे मुड़कर नहीं देखा। आज एक करोड़ से ज्यादा टर्नओवर करने वाली नैनो क्लीनिंग सल्यूशंस के मालिक हैं।

सत्येंद्र के लिए आसान नहीं था यह सफर
यह सब मेरे लिए इतना आसान नहीं था। मैं जिस बाजार में उतरा था वह नया था। डीप क्लीनिंग और साफ-सफाई को लेकर लोगों में जागरूकता का अभाव था। काम बड़े मुश्किल से मिलता था। इधर सिखाओ उधर, लेबर भाग जाते थे। कई बार मन निराश हुआ, लेकिन मुझे अपनी मेहनत पर पूरा भरोसा था। मैं लगा रहा। काम को प्रोफेशनल तरीके से करना था इसलिए मैंने सिविल लाइंस में अपना एक दफ्तर डाला। सुबह लगातार 50 घरों में बिना एक दिन छुट्टी लिए नॉक कर काम मांगता रहा।

शुरुआत के कुछ महीने बहुत ज्यादा काम नहीं मिला। दफ्तर का रेंट, अपना खर्च और मशीनों की किश्त भरना मुश्किल था। पांच महीने बाद जब काम में परफेक्शन आने लगा तो काम बढ़ने लगा। 2013 तक मेरा काम शहर में बढ़ने लगा। एक साल काम करने के बाद मुझे लगने लगा कि मेरी अपनी एक रजिस्टर्ड कंपनी होनी चाहिए। इसके बाद मैंने जीएसटी में रजिस्ट्रेशन कराया। नैनो क्लीन सल्यूशन नाम से कंपनी रजिस्टर्ड की।

क्या है डीप क्लीनिंग
घर, दफ्तर, होटल, रेस्त्रां व अस्पताल में एक-एक सामान की बारीकी से सफाई करना ही डीप क्लीनिंग कहा जाता है। यह एक उभरता हुआ क्षेत्र है जिसमें प्रोफेशनल तरीके से मशीनों व केमिकल से वैक्यूमिंग, फर्श की सफाई, झाड़-पोंछ यानी डस्टिंग, वॉल, टायलेट पर लगे दाग, गंदी फर्श आदि को चमकाया जाता है। इसमें डिस्इनफिक्टेंट का भी प्रयोग किया जाता है। इसमें फर्श, फ्लोरिंग, कालीन, सोफे की गद्दियां, दरवाजे, दीवारें, खिड़िकियां, किचेन की चिमनी, बिजली के स्विच बोर्ड, कांच आदि की सफाई बारीकी से की जाती है।