इच्‍छामृत्‍यु चाहने वालीं UP की महिला जज को मिलेगा इंसाफ? राष्‍ट्रीय मानवाधिकार आयोग तक पहुंचा मामला

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(www.arya-tv.com) यूपी के बांदा में तैनात महिला सिविल जज की तरफ से इच्‍छामृत्‍यु की मांग मामले ने तूल पकड़ लिया है। महिला जज ने अपने सीनियर जज पर मानसिक और शारीरिक शोषण का आरोप लगाया था।

इस मामले में राष्‍ट्री मानवाधिकार आयोग ने केस दर्ज कर लिया है। आरटीआई कार्यकर्ता दानिश खान की याचिका स्‍वीकार करते हुए मानवाधिकार आयोग ने केस दर्ज किया है।

एनएचआरसी बाराबंकी में तैनात रहे एक पूर्व न्‍यायिक मजिस्‍ट्रेट के खिलाफ दर्ज यौन उत्‍पीड़न मामले की जांच भी शुरू करेगा। रामपुर निवासी दानिश खान DK फाउंडेशन ऑफ फ्रीडम एंड जस्टिस के डायरेक्टर हैं।

मानवाधिकार आयोग में लगाई गई याचिका में दानिश ने कहा कि जब अपराधियों को दंड देने वाली महिला जज को अपने लिए न्‍याय मांगना पड़ रहा है तो आम महिलाओं की हालत को समझा जा सकता है।

दानिश खान ने इस मामले में मानवाधिकार आयोग से कार्रवाई की अपील की जिसे स्‍वीकार कर लिया गया है।

1 साल पहले भरी अदालत में हुआ था अपमान

गौरतलब है कि महिला जज ने सुप्रीम कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश को भेजे पत्र में लिखा है, ‘बाराबंकी में तैनाती के दौरान जिला जज द्वारा मेरा मानसिक और शारीरिक शोषण किया गया।

कई बार मुझे रात में मिलने को कहा गया। इस संबंध में शिकायत के बाद भी जब न्याय नहीं मिला तो मजबूर होकर पत्र लिखना पड़ा।’ मुख्‍य न्‍यायाधीश को भेजा गया यह पत्र सोशल मीडिया पर वायरल हो गया।

महिला जज को 1 साल पहले 7 अक्टूबर, 2022 को भरी अदालत में अपमानित किया गया था। इसे जज ने रेकॉर्ड में भी दर्ज किया था।