(www.arya-tv.com) मुस्लिम बहुल देश इंडोनेशिया में कुत्ते का मांस बेचने वाले व्यापारी डरे हुए हैं। लीना गिंटिंग यहां अपना रेस्तरां चलाती हैं। मेन्यू में सबसे ज्यादा पसंद किए जाने वाले डॉग करी, बाबिक्यू डॉग और डॉग सूप जैसे खास डिश होते हैं। बताती हैं कि वह 12 साल से रेस्तरां चला रही हैं। इसी काम से उनका बच्चा प्राइवेट स्कूल में पढ़ने जाता है। लीना कहती हैं कि यही उनके इन्कम का एकमात्र जरिया है। अगर सरकार बैन कर देगी तो उनके भविष्य का क्या होगा?
इंडोनेशिया के मेडन में स्थानीय अथॉरिटी ने कुत्ते के मांस की बिक्री पर रोक लगा दी है, जिससे लोगों में नाराजगी है। कहा जा रहा है कि स्थानीय अथॉरिटी का फैसला आने वाले समय में पूरे देश में लागू किया जा सकता है। अगर ऐसा होता है तो इसका बिजनेस करने वाले लोगों का इन्कम बंद हो जाएगा। लीना कहती हैं कि वह और आसपास में कई रेस्तरां के मालिक बात कर चुके हैं। उनकी प्लानिंग है कि अगर अथॉरिटी फैसले को वापस नहीं लेती तो विरोध-प्रदर्शन किया जाएगा।
कुत्ते के मांस से बीमारी फैलने का खतरा
पिछले महीने, उत्तरी सुलावेसी में अधिकारियों ने टॉमहोन “एक्सट्रीम” मार्केट में कुत्ते और बिल्ली के काटने और इसके मांस की बिक्री पर प्रतिबंध लगाने की घोषणा की। इस मार्केट को लंबे समय से भयानक पर्यटन स्थल और पशु क्रूरता के प्रतीक के रूप में कुख्यात है। टोमोहोन शहर के मेयर कैरोल सेंडुक ने एनिमल वेलफेयर द्वारा लंबे अभियान के बाद बैन का ऐलान किया है। वे इन जानवरों के काटने और इनका मांस बेचने को क्रूर बताते हैं और दावा करते हैं कि इससे रेबीज फैलने का खतरा है, जो जानवरों से इंसानों में फैलता है।
राष्ट्रपति के दामाद ने 2022 में लगाई थी बैन
मेडन के अलावा अन्य क्षेत्रों में भी कुत्ते के मांस की बिक्री पर बैन लगाने की बात चल रही है। जकार्ता में अधिकारी कुत्ते के मांस के व्यापार को गैरकानूनी घोषित करने के लिए स्थानीय कानून बनाने की प्रक्रिया में हैं। एक तरफ एनिमल वेलफेयर से जुड़े एक्टिविस्ट मान रहे हैं कि आने वाले दिनों में पूरे देश में इसके मांस की बिक्री पर रोक लग जाएगा। दूसरी तरफ इसके व्यापार में जुटे लोगों में चिंता बढ़ गई है। मेडन में, हालांकि, पूर्ण प्रतिबंध नहीं लगाया गया है। इंडोनेशियाई राष्ट्रपति जोको “जोकोवी” विडोडो के दामाद और मेडन के मेयर बॉबी नासुशन ने 2022 में इसपर पूर्ण प्रतिबंध लगा दिया था।