बरेली(www.arya-tv.com) 27 साल पहले किशोरावस्था में दो भाइयों द्वारा शारीरिक शोषण के बाद बेटे को जन्म देने वाली महिला ने शनिवार को सदर बाजार थाने में बयान दर्ज कराए। उसका कहना है कि बेटे ने जब पिता के बारे में पूछा तो वर्षो से दबे जख्म ताजा हो गए। इसके बाद उसने निर्णय लिया कि वह दोषियों को सजा दिलाकर रहेगी। बयान दर्ज कराने के बाद महिला लखनऊ लौट गई।
सदर बाजार थाने के प्रभारी निरीक्षक अशोक पाल के अनुसार महिला का कहना है कि 1994 में जब वह 12 वर्ष की थी तब वह थाना क्षेत्र के एक मोहल्ले में अपने रिश्तेदार के यहां रहती थी। थोड़ी दूरी पर रहने वाले दो सगे भाइयों ने उसका एक साल तक शारीरिक शोषण किया। इस दौरान वह गर्भवती हो गई तो रिश्तेदारों ने आरोपियों के यहां शिकायत की। आरोपियों ने उन्हें डरा धमकाकर चुप करा दिया।
महिला का कहना है कि बाद में एक बेटे को जन्म दिया। लोकलाज के डर से बेटे को एक दंपती को लालन-पालन के लिए दे दिया। कुछ साल बाद उसकी एक युवक से शादी कर दी गई। उसको एक बेटा भी हुआ। शादी के कुछ साल बाद उसके पति को अतीत में घटी घटना के बारे में पता चला तो उसने महिला और बेटे को छोड़ दिया।
महिला के अनुसार दूसरों के यहां पल रहे बेटे ने मां से अपने पिता के बारे में पूछा। दबाव डालने पर उसने अपने साथ हुई ज्यादती की कहानी सुनाई। साथ ही दोषियों को सजा दिलाने का निर्णय लिया। इसके बाद उसने कोर्ट की शरण ली। कोर्ट के आदेश पर सदर बाजार थाने में विभिन्न धाराओं में एफआईआर दर्ज की गई।
प्रभारी निरीक्षक के अनुसार शनिवार दोपहर महिला थाने पहुंची और सीआरपीसी की धारा 161 के तहत अपने बयान दर्ज कराए। महिला के वकील ने बताया कि अब सीआरपीसी की धारा 164 के तहत कोर्ट में बयान दर्ज होंगे। बयान दर्ज कराने के बाद महिला लौट गई।