पूर्व बर्धमान की 8 सीटों से रिपोर्ट:30% मुस्लिम वोटर्स TMC के साथ

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(www.arya-tv.com)पूर्व बर्धमान की आठ सीटों भाटार, पूर्वस्थली दक्षिण, पूर्वस्थली उत्तर, कटवा, केतुग्राम, मंगलकोट, आसग्राम और गलसी में 22 अप्रैल को वोटिंग है। यहां अधिकांश सीटों पर मुस्लिमों की आबादी 30% के करीब है, कुछ में 35% तक भी है, जो ममता बनर्जी के साथ खड़ी नजर आ रही है। वहीं हिंदू वोट ममता और बीजेपी में बंटते दिख रहे हैं।

खास बात ये है कि ऐसे लोग जो सीपीएम का समर्थन करते हैं, वे भी इस बार बीजेपी को सपोर्ट कर रहे हैं, क्योंकि वे टीएमसी को सबक सिखाना चाहते हैं। उनका कहना है, ‘टीएमसी ने 2011 से 2016 के बीच हम पर बहुत अत्याचार किए। अब बीजेपी ही है जो टीएमसी को सबक सिखा सकती है।’

इस फैक्टर ने सभी सीटों पर बीजेपी को टीएमसी के टक्कर में ला दिया है। हालांकि संयुक्त मोर्चा पूरी कोशिश कर रहा है कि सीपीएम का वोटबैंक उसके पास दोबारा लौट आए। वहीं ध्रुवीकरण का असर गांवों तक नजर आ रहा है और लोग कह रहे हैं कि वे बदलाव करना चाहते हैं, इसलिए बीजेपी को जिताएंगे।

पूर्व बर्धमान की इन आठ सीटों में टीएमसी अल्पसंख्यक वोटों के चलते ही थोड़ी मजबूत नजर आ रही है क्योंकि वो उसको अपनी झोली में आते दिख रहे हैं, लेकिन लोकल लीडरशिप के प्रति गुस्सा, भ्रष्टाचार, कटमनी और ध्रुवीकरण ये ऐसे फैक्टर हैं जो बीजेपी को मजबूत कर रहे हैं। भाटार में दुकान संचालक विकास घोष कहते हैं, ‘मेरी डेढ़ लाख रुपए की उधारी है, लेकिन मांग नहीं सकता, क्योंकि मांगूगा तो रंगदारी होगी। एक वर्ग विशेष द्वारा मुझे मारा-पीटा जाएगा।’

वहीं शेख ऐनुद्दीन कहते हैं, ‘यहां लॉकडाउन के पहले से फ्री राशन बांटा जा रहा है, जो अभी तक मिल रहा है। स्टूडेंट्स को दस हजार रुपए मिले। सड़कें बनीं। बहुत उन्नति हुई इसलिए टीएमसी ही जीतेगी।’

कटवा में चटर्जी के चलते टीएमसी मजबूत दिख रही

कटवा से टीएमसी ने रविंद्रनाथ चटर्जी को कैंडिडेट बनाया है। वे पहले कांग्रेस में थे और 2016 में टीएमसी के टिकट पर चुनाव लड़े थे और जीते थे। रविंद्रनाथ चार बार के विधायक हैं और कटवा में काफी लोकप्रिय हैं। लोग उनके काम और व्यवहार को पसंद करते दिख रहे हैं। केतुग्राम से टीएमसी ने मौजूदा विधायक शेख शाहनवाज को ही कैंडिडेट बनाया है। वे दो बार से ये सीट जीतते आ रहे हैं।

शेख मुस्लिम के बजाय हिंदू इलाकों पर ज्यादा फोकस कर रहे हैं क्योंकि उन्हें डर है कि हिंदू वोट बीजेपी की तरफ जा सकता है। उन्हें बीजेपी के मथुरा घोष से चुनौती मिल रही है।

भाटार में ध्रुवीकरण का असर साफ नजर आ रहा है। वहीं मंगलकोट सीट पर टीएमसी ने अपने मौजूदा विधायक चौधरी सिद्दीकुल्लाह को बदल दिया है क्योंकि उनके खिलाफ भारी एंटी इंकम्बेंसी थी। एक्सपर्ट्स कहते हैं कि उन्होंने खुद ही हार के डर से सीट बदलने की मांग की थी। टीएमसी ने उनके स्थान पर अपूर्वा चौधरी को उम्मीदवार बनाया है, जिन्हें बीजेपी के राणा प्रताप गोस्वामी से कड़ी टक्कर मिल रही है।