शरद पवार और अजित पवार गुट के बीच वाकयुद्ध

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(www.arya-tv.com) पिछले दिनों उपमुख्यमंत्री अजित पवार की मौजूदगी में बीड में हुई बैठक में छगन भुजबल ने शरद पवार की आलोचना की। इसकी गूंज महाराष्ट्र में कई जगहों पर सुनाई दे रही है। अजित पवार और शरद पवार खेमे के बीच आरोप-प्रत्यारोप का दौर जारी है। छगन भुजबल की आलोचना पर एनसीपी के कई नेताओं ने प्रतिक्रिया दी है।

अब शरद पवार ने छगन भुजबल पर निशाना साधा है। उन्होंने अपनी पार्टी के नेताओं की एक बैठक में कहा कि अगर मैं उस समय छगन भुजबल का इस्तीफा नहीं लेता, तो वह तेलगी केस में भी जेल में होते। शरद पवार ने अपने समर्थक नेताओं से बिना किसी भ्रम में पड़े लड़ने के लिए तैयार रहने को कहा। उन्होंने कहा कि मैं लड़ाई के लिए तैयार हूं, आप लोग भी तैयार रहिए।

सोमवार को बीड की सभा में एनसीपी अजित गुट के नेता छगन भुजबल ने शरद पवार के खिलाफ बोलते हुए कहा था कि मैंने तेलगी के खिलाफ कार्रवाई की थी, फिर भी शरद पवार ने तेलगी कांड में मुझ से इस्तीफा लिखवा लिया था। शरद पवार छगन के इसी आरोप का जवाब दे रहे थे।

NCP के चिन्ह को लेकर दिया जवाब

भुजबल ने कहा था कि जब उन्हें बर्खास्त किया गया था, तब भी पवार ने खुद उनके खिलाफ लगाए गए गंभीर आरोपों के बावजूद इस्तीफा नहीं दिया था।
शरद पवार ने पार्टी के नाम और प्रतीक पर दावा करने के लिए अजीत पवार गुट पर निशाना साधते हुए कहा कि यह चौंकाने वाली बात है कि मामला चुनाव आयोग के पास है और कुछ राजनेता दावा कर रहे हैं कि उन्हें नाम और प्रतीक आवंटित किया गया है।

जितेंद्र आव्हाड ने साधा निशाना

तेलगी मामले में, मूल आरोप पत्र में नाम हटा दिए गए थे। जितेंद्र आव्हाड ने सोमवार को ट्वीट किया, एक अदृश्य हाथ ने सभी नाम मिटा दिए। तेलगी मामले की जांच सीबीआई ने की थी। सीबीआई ने आरोप पत्र तैयार किया और इसे कानूनी जांच के लिए अतिरिक्त सॉलिसिटर जनरल अमरेंद्र शरण के पास भेजा।

उन्होंने अगली सुबह मुझे फोन किया और दिल्ली आने का निमंत्रण दिया। आव्हाड ने कहा, ‘दो महीने बाद आरोप पत्र दाखिल किया गया और उसके बाद मूल आरोप पत्र से सभी नाम हटा दिए गए। इसका जो मतलब निकालना हो, निकाल लो। एक अदृश्य हाथ ने सारे नाम मिटा दिए। वह अदृश्य हाथ किसका था?’ उन्होंने लिखा कि बहमनवाले को इश्क काफी होता है।