नोएडा में कालाबाजारी गैंग का पर्दाफाश, निमोनिया वाले इंजेक्शन को रेमडेसिविर बताकर 45 हजार में बेच रहे थे

Health /Sanitation UP

(www.arya-tv.com)एक तरफ जहां देश में कोरोना वायरस कहर बरपा रहा है। लोग दवा-इलाज के लिए तरस रहे हैं, वहीं कुछ ऐसे लोग भी हैं इस महामारी में मुनाफाखोरी पर उतारु हैं। नोएडा के थाना सेक्टर 58 पुलिस ने रेमडेसिविर इंजेक्शन की कालाबाजारी करने वाले गिरोह का पर्दाफाश किया है। पुलिस ने गिरोह के सात लोगों को गिरफ्तार किया है। जबकि गिरोह का सरगना फरार है। पुलिस का दावा है कि सभी आरोपी शनिवार को सेक्टर 62 फोर्टिस अस्पताल में नकली रेमडेसिविर इंजेक्शन बेचने पहुंचे थे।

खास बात ये है कि जिस इंजेक्शन को ये लोग रेमडेसिविर इंजेक्शन बताकर बेच रहे थे, वह मेरोपेनीम इंजेक्शन का जैनेरिक इंजेक्शन है, जो निमोनिया की बीमारी में काम आता है। एक इंजेक्शन 40-45 हजार में बेच रहे थे। पुलिस ने आरोपियों के पास से भारी मात्रा में नकली रेमडेसिविर इंजेक्शन व अन्य सामान बरामद किया है। बताया जा रहा है आरोपियों में एक आरोपी पूर्व कैबिनेट मंत्री का रिश्तेदार बताया जा रहा है।

ये सात मुनाफाखोर पकड़े गए

ACP रजनीश वर्मा ने बताया कि थाना सेक्टर 58 पुलिस ने शनिवार रात रेमडेसिविर इंजेक्शन की कालाबाजारी करने वाले गिरोह के सात सदस्यों को गिरफ्तार किया है। घटना के समय आरोपी सेक्टर 62 फोर्टिस अस्पताल में नकली रेमडेसिविर इंजेक्शन बेचने पहुंचे थे। उन्होंने बताया कि आरोपियों में मुसीर और अजहररुद्दीन ग्राम सरावनी जिला हापुड़ के रहने वाले हैं। आरोपी सलमान और शाहरुख कस्बा किठौर मेरठ, आरोपी अब्दुल रहमान निवासी मदीना कालोनी थाना लिसाड़ी गेट मेरठ, आरोपी दीपांशु उर्फ धर्मवीर निवासी फरुखाबाद और बंटी गांव परतापुर थाना पिलखुवा जनपद हापुड़ का रहने वाला है। पुलिस ने इनके कब्जे से 9 पीस रेम डेसिविर इंजेक्शन (हेटेरो कंपनी), 1 बिना लेबल का इंजेक्शन, 140 नकली लेवल रेमडेसिवर इंजेक्शन (हेटेरो कम्पनी), 1 पैकेट मे सफेद पदार्थ वजन करीब 1 किलो, 3 पीस सिप्ला सेफोपैराजोन एंड सुल्बैतम फॉर इंजेक्शन, 2 पीस पैंटोप्रजोल इंजेक्शन, 5 पीस बीडी वेक्यूटनेर, 2 लाख 45 हजार रुपए नकद, 10 मोबाइल, 3 दोपहिया वाहन व प्रिंटर, कीबोर्ड, CPU आदि बरामद किया।

ACP ने बताया कि आरोपी जरुरतमंद लोगों को 40 से 50 हजार के बीच में नकली रेमडेसिविर इंजेक्शन बेचते थे। आरोपी अब तक 50 से अधिक लोगों को यह इंजेक्शन बेचकर 10 लाख रुपए से अधिक की ठगी कर चुके हैं।

तैयार करते थे नकली इंजेक्शन

ACP ने बताया कि आरोपी पहले निमोनिया में काम आने मेरोपेनीम इंजेक्शन सस्ते दामों में खरीदकर लाते थे। फिर उस इंजेक्शन का लेबल छुड़ाकर आरोपी बंटी उस पर रेमडेसिविर इंजेक्शन का नकली लेबल चिपका देता था। इसके बाद आरोपी शाहरूख, सलमान, मुसीर, और अजहरूद्दीन अस्पतालों के आस-पास घूमते-फिरने के दौरान कोरोना संक्रमितों के परिजनों को 40 से 45 हजार में इंजेक्शन बेच देते थे।

फरार आरोपी कादिर है गिरोह का सरगना

ACP ने बताया कि पूछताछ के दौरान आरोपियों ने बताया कि आरोपी अब्दुल का चाचा का लड़का कादिर है। अब्दुल ने पूछताछ में बताया कि कादिर पिलखुवा में बंटी की दुकान से नकली रेमडेसिविर इंजेक्शन का लेबल छपवाकर उसे देता था।

मेडिकल लाइन से जुड़े थे आरोपी

ACP ने बताया कि आरोपी अब्दुल और दीपांशु कोलम्बिया एशिया में अस्पताल में GNM के पद पर स्टाप नर्सिंग का कार्य करते हैं। सलमान IIMT मेरठ से 2019 बैच से बी फार्मा और बायोटेक कम्पनी में एमआर के पद पर नौकरी कर रहा है। मुसीर हीलिंग ट्री अस्पताल इन्द्रिापुरम गाजियाबाद में इमरजेन्सी टेकनीशियन के पद पर कार्यरत है। बताया कि इस तरह आरोपी मरीजों के परिजनों को विश्वास में ले लेते थे। आरोपी दीपांशु डी 20 कला भवन गोविंदपुरम गाजियाबाद स्थित हॉस्टल के कमरे में मेरोपेनीम इंजेक्शन के लेवल छुड़ाकर उस पर नकली रेमडेसिविर का लेबल लगाकर महंगे दामों में बेचता था। एक आरोपी मुसीर पूर्व कैबिनेट मंत्री का रिश्तेदार बताया जा रहा है। इसकी भी जांच की जा रही है।