नहीं होगा नया चुनाव चिन्ह ; सपा भाजपा के सिम्बल पर ही लड़ेंगे ये महारथी

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(www.arya-tv.com)यूपी का विधानसभा चुनाव बहुत रोचक होने वाला है। शिवपाल यादव के दल प्रगतिशील समाजवादी पार्टी लोहिया का सिंबल ‘चाबी’ नहीं मिला है। इस कतार में अगला नंबर निषाद पार्टी का है। वो भी चुनाव चिह्न ‘नाव’ पर मैदान में नहीं उतर पाएंगे। सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी का सिंबल ‘छड़ी’ चुनाव आयोग की समीक्षा में छीन लिया था। ओम प्रकाश राजभर ने अपील दर्ज कराई है। फिलहाल, ओम प्रकाश राजभर सिंबल बचा पाएंगे या नहीं। इस पर संशय है।

शिवपाल अपने कोर वोट बैंक  को  सहेज कर चल रहे हैं

प्रगतिशील समाजवादी पार्टी लोहिया के राष्ट्रीय अध्यक्ष शिवपाल यादव पश्चिम, अवध और बुंदेलखंड के करीब 10 जिलों की 60 से 70 सीटों पर असर रखते हैं। इसके पीछे वजह ये है कि उनका अभी भी सहकारी समितियों पर कब्जा है। साथ ही वह अपने कोर वोट बैंक यादव को भी सहेज कर चल रहे हैं। उनकी पकड़ यूपी के 9% यादव वोट बैंक पर हैं। शिवपाल यादव ने तो स्पष्ट कर दिया है कि उनके उम्मीदवार समाजवादी पार्टी के सिंबल पर चुनाव लड़ेंगे।

60 विधानसभा सीटों पर इनकी अच्छी आबादी

अन्य पिछड़ा वर्ग (ओबीसी) की एक प्रमुख जाति है निषाद। इसमें केवट, बिंद, मल्लाह, कश्यप, नोनिया, मांझी, गोंड जैसी जातियां हैं। यूपी की करीब 60 विधानसभा सीटों पर इनकी अच्छी आबादी है। इसलिए निषाद समुदाय यूपी की राजनीति में महत्वपूर्ण हैं। निषाद पार्टी ने 2017 के चुनाव में किसी पार्टी से गठबंधन नहीं किया था। वह 72 सीटों पर चुनाव लड़ी थीं। इनमें से 70 सीटों पर उसकी जमानत जब्त हो गई थी। लेकिन उसे 5 लाख 40 हजार 539 वोट जरूर मिले थे। निषाद पार्टी को भदोही की ज्ञानपुर सीट पर जीत मिली थी। वहां से विजय मिश्र जीते थे। इस जीत में पार्टी का योगदान कम विजय मिश्र की छवि का योगदान ज्यादा था।

 चुनाव चिह्न रहेगा बरकरार
चुनाव आयोग ने राज्य में भाजपा की सहयोगी अपना दल एस (सोनेलाल) का चुनाव निशान कप-प्लेट और सपा के सहयोगी दल आरएलडी का निशान हैंडपंप इस विधानसभा चुनाव में भी बरकरार रखा है।

पहली बार उत्तर प्रदेश में किस्मत आजमाने जा रहे मुकेश साहनी की वीआईपी पार्टी को नाव का निशान अलॉट किया है। साहनी ने बिहार विधानसभा में भी नाव चिह्न पर चुनाव लड़ा था। वीआईपी पार्टी पहली बार यूपी चुनाव में उतरी हैं।

चुनाव में हमारे प्रत्याशी चुनाव लड़ेगे

निषाद पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष व एमएलसी संजय निषाद कहना है कि विधानसभा चुनाव में हमारे प्रत्याशी चुनाव लड़ेगे। हमने चुनाव आयोग में आपत्ति दर्ज कराई है। जल्द ही आयोग फैसला करेगा।

प्रगतिशील समाजवादी पार्टी लोहिया के प्रवक्ता अरविंद यादव ने बताया चुनाव आयोग ने हमारी पार्टी का चुनाव सिंबल चाबी नहीं दिया है। इसलिए अभी कह पाना मुश्किल होगा। कि किस सिंबल पर चुनाव हमारी पार्टी के उम्मीदवार लड़ेंगे।

सुभासपा के प्रवक्ता पीयूष मिश्रा का कहना है कि चुनाव आयोग ने पहले की गई समीक्षा में हमारी पार्टी का चिह्न छड़ी छीन लिया था। लेकिन राष्ट्रीय अध्यक्ष ने अपील की है। जिसमें हमारा सिंबल हमें दोबारा मिलेगा।

 इससे मतदाता कन्फ्यूज हो सकता है
राजनीतिक जानकार प्रभा शंकर बताते है कि अगर पार्टी का सिंबल चुनाव आयोग ने अलॉट नहीं किया है तो उस दल के उम्मीदवार को जिले का निर्वाचन अधिकारी चुनाव चिह्न अलॉट करता है। ऐसे में अलग-अलग विधानसभा में कई चुनाव चिह्न अलॉट हो जाते हैं। इससे मतदाता कन्फ्यूज हो सकता है। इन हालात में छोटे दल, बड़े दलों के सिंबल पर अपना प्रत्याशी उतारते हैं। जिससे उनका मतदाता भ्रमित न हो।