दिसंबर 2021 तक प्रदेश के 60 हजार गांवों में पहुंचेगा हर घर नल से जल

Environment UP

(www.arya-tv.com)उत्तर प्रदेश के हर ग्रामीण परिवार के घर में नल से पेयजल पहुंचाने राष्ट्रीय जल जीवन मिशन और जल शक्ति मंत्रालय ने मौजूदा फाइनेंशियल ईयर 2021-22 के लिए आवंटित 10,870 करोड़ रुपए की राशि में से 2,400 करोड़ रुपए जारी कर दिए हैं। राज्य के 60 हजार से ज्यादा गावों में पेय जल आपूर्ति परियोजनाओं पर इसी साल दिसंबर तक काम शुरू कर दिया जाएगा।

यूपी विधानसभा चुनाव 2020-21 में राज्य को दी गई 2,571 करोड़ रुपए की राशि को इस साल 2021-22 में उसे चार गुना कर 10,870 करोड़ रुपए कर दी गई है। 2019-20 में यूपी को ‘जल जीवन मिशन’ के तहत केंद्रीय अनुदान की यह राशि सिर्फ 1,206 करोड़ रुपए थी। राज्य में पिछले 23 महीनों में 26.86 लाख घरों को नल जल के नए कनेक्शन दिए गए हैं। राज्य ने इस फाइनेंशियल ईयर में 5 जिलों को ‘हर घर जल’ बनाने की योजना बनाई है। वर्तमान में प्रदेश में 3,600 से ज्यादा गांव ‘हर घर जल’ बन चुके हैं।

केंद्रीय जल शक्ति मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत ने योगी सरकार से आग्रह किया है कि इस फाइनेंशियल ईयर (2021-22) में 78 लाख ग्रामीण घरों में नल जल कनेक्शन उपलब्ध कराए जाएं। ग्रामीण इलाके के घरों में नल से जल उपलब्ध कराने की योजना से रोजगार में मदद मिलेगी। गांवों में स्थापित होने वाली जल आपूर्ति परियोजनाओं की स्थापना, प्रबंधन, प्रचालन और रखरखाव के लिए बड़ी संख्या में मिस्त्रियों, प्लम्बरों, इलेक्ट्रिशियनों, मोटर मैकेनिकों, पंप ऑपरेटरों, आदि की जरूरत पड़ेगी। इसके साथ ही, जल आपूर्ति परियोजनाओं से जुड़ी विभिन्न समग्रियों, जैसे कि सीमेंट, ईंट, रोड़ी, पाइप, वाल्व, पंप, नलके की भी जरूरत होगी। जिससे स्थानीय स्तर पर कारीगरों और घरेलू उत्पादन उद्योगों की मांग बढ़ेगी जो ‘आत्मनिर्भर’ भारत का लक्ष्य हासिल करने में भी सहायक सिद्ध होगी।

बुंदेलखंड क्षेत्र के 7 जिलों के गांवों में नल-जल आपूर्ति योजना

बता दें, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बुंदेलखंड क्षेत्र के 7 जिलों (झांसी, महोबा, ललितपुर, जालौन, हमीरपुर, बांदा और चित्रकूट) के ग्रामीण इलाकों में नल जल आपूर्ति योजना की आधारशिला फरवरी 2019 में और विंध्याञ्चल के मिर्जापुर और सोनभद्र जिलों की ग्रामीण पेयजल आपूर्ति परियोजनाओं की आधारशिला नवंबर 2020 में रखी थी। इन परियोजनाओं के पूरा होने पर इन क्षेत्रों के 6,742 गांवों के 18.88 लाख घरों और 1.05 करोड़ लोगों को फायदा पहुंचेगा।