BJP संगठन और सरकार को दो टूक- हर हाल में बनानी है सरकार

UP

(www.arya-tv.com)उत्तर प्रदेश में एक बार फिर भाजपा की सत्ता लाने के लिए राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ ने बड़ी रणनीति बनाई है। इसके लिए बीते शनिवार और रविवार दो दिन लखनऊ में बैठक हुई। जिसमें संघ के सरकार्यवाह दत्तात्रेय होसबोले और भाजपा कोआर्डिनेटर बनाए गए अरुण कुमार ने सरकार और संगठन के कामकाज की समीक्षा की। भाजपा की कोर कमेटी की तरफ से CM योगी आदित्यनाथ, डिप्टी CM केशव प्रसाद मौर्य, डॉक्टर दिनेश शर्मा, भाजपा के प्रदेश प्रभारी राधा मोहन सिंह, भाजपा अध्यक्ष स्वतंत्र देव सिंह ने भी हिस्सा लिया।

बैठक में संघ ने एक बार फिर यूपी में सरकार बनाने के लिए अपनी रणनीति का खुलासा किया। मिशन 2022 के लिए संघ के एजेंडे में सबसे बड़ा मुद्दा राष्ट्रवाद का है। इसके अलावा योगी सरकार के द्वारा बनाए गए लव जिहाद कानून को और सख्ती से लागू किए जाने का सुझाव दिया गया। हालांकि जनसंख्या नियंत्रण कानून के मसौदे पर असहमति जताई है। पढ़िए क्या है संघ की रणनीति?

5 प्वाइंट में समझिए संघ के सियासी मंथन का एजेंडा

  • हर हाल में 2022 में बने सरकार: भाजपा की कोर कमेटी के सामने संघ ने साफ कर दिया है कि यूपी में भाजपा को हर हाल में सरकार बनानी है। इसके लिए जरूरी है कि पार्टी आंतरिक कलह को भूल कर एक साथ मिशन 2022 के लिए अभी से जुट जाए। अब वक्त शिकवा-शिकायतों का नहीं है। अधूरे काम तभी पूरा होंगे, जब दोबारा सरकार बनेगी। लिहाजा सभी को एकजुट होकर सरकार के एजेंडा को आगे बढ़ाना है। सरकार के कामों को जनता के बीच पहुंचाने के साथ ही व्यापक प्रचार-प्रसार किया जाए। प्रदेश में हिंदुत्व के एजेंडा के तहत हुए कामों को भी बताया जाए।
  • जनसंख्या नियंत्रण कानून के ड्राफ्ट में बदलाव: जनसंख्या नियंत्रण कानून के लिए बन रहे मसौदे के कुछ हिस्सों पर संघ के ऐतराज जताया है। संघ ने इसमें बदलाव के लिए कुछ सुझाव भी दिए हैं। इससे पहले विश्व हिंदू परिषद ने भी योगी सरकार से अनुरोध किया था कि वह ड्राफ्ट से एक बच्चे के नियम को हटा दें। विहिप का कहना था कि इससे समाज में असंतुलन बढ़ जाएगा। संघ भी मानता है कि इस मसौदे पर कानून बनता है तो फिर जनसंख्या अनुपात में असंतुलन पैदा हो सकता है। कानून बेहद जरूरी है, लेकिन बदलाव करने होंगे। सीएम के सामने संघ ने इस कानून के मसौदे में होने वाले बदलाव की बात रख दी है।
  • सरकार और संगठन के बीच तालमेल: संघ से सरकार और संगठन के बीच बेहतर तालमेल के लिए भी सुझाव दिए हैं। सूत्रों की माने तो संघ को यह फीडबैक मिला है कि सरकार और संगठन के बीच सब-कुछ ठीक नहीं है। कुछ दिनों पहले तक ने नाराजगी की खबरें भी थीं। इतना ही नही कार्यकर्ताओं की अनदेखी की बात भी संघ तक पहुंची है। बताया जा रहा है कि बैठक में संघ की ओर से कहा गया है कि इन 6 महीनों में इन शिकायतों का समाधान होना चाहिए। कार्यकर्ताओं के जरिए ही सरकार की योजनाओं को जनता के बीच पहुंचाना है। सरकार और संगठन के बेहतर तालमेल से ही विपक्ष का मुकाबला संभव होगा।
  • साधु-संतों के सम्मान में चले गुरु दक्षिणा कार्यक्रम: हर साल संघ में गुरु पूर्णिमा के दिन गुरु दक्षिणा कार्यक्रम के विशेष अभियान के साथ नए सत्र की शुरुआत करने की परंपरा रही है, संघ चाहता है कि इसे आगे बढाएं। हालांकि पार्टी ने इसके लिए पहले से ही कार्यक्रम तय कर दिए हैं। इस बार पार्टी गुरु पूर्णिमा के अवसर पर साधु-संतों, पुरोहित और पुजारियों को सम्मानित करने जा रही है। प्रदेश कार्य समिति की बैठक में इसकी योजना बनाई गई है। यह कार्यक्रम पार्टी के कार्यकर्ता प्रदेश से लेकर बूथ स्तर तक करेंगे। आगामी 24 जुलाई को गुरु पूर्णिमा के दिन भाजपा हर बूथ पर इसका आयोजन करेगी। इसमें गांव के पुरोहित, छोटे बड़े मंदिर के पुजारी समेत साधु-संतों को सम्मानित किया जाएगा। इस कार्यक्रम के माध्यम से माध्यम से समाज के बड़े वर्ग को जोड़ने का प्रयास होगा।
  • विकास के साथ हिंदुत्व का एजेंडा: जोर दिया गया कि योगी सरकार अपने विकास के कामों के साथ हिंदुत्व के एजेंडे को भी आगे बढाए। उत्तर प्रदेश में लव जिहाद और अवैध धर्मांतरण पर रोक लगाने के लिए बनाए गए यूपी सरकार के ‘अध्यादेश’ के साथ ही राम मंदिर, गौ रक्षा और जनसंख्या नियंत्रण नीति का भी प्रचार-प्रसार किया जाए। जनता को यह भी समझाया जाए कि सरकार ने अपने संकल्प पत्र के अधिकतर वादों को पूरा किया है, दोबारा मौका मिलता हौ तो अधूरे काम भी पूरा कर दिए जाएंगे।

मंत्रिमंडल विस्तार पर नही हुई चर्चा
संघ की इस बैठक में कोर कमेटी की तरफ से सीएम योगी आदित्यनाथ, उप मुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य, डॉ. दिनेश शर्मा, भाजपा के प्रदेश प्रभारी राधा मोहन सिंह, भाजपा प्रदेश अध्यक्ष स्वतंत्र देव सिंह मौजूद थे। इस बात को लेकर लगातार अटकलें लगाई जा रही थी कि संघ की इस समन्वय बैठक में मत्रिमंडल विस्तार को लेकर चर्चा हो सकती है, लेकिन दैनिक भास्कर को मिली जानकारी के मुताबिक संघ के इस दो दिवसीय बैठक में मंत्रिमंडल को लेकर कोई चर्चा नहीं हुई। कहा गया कि यह मुख्यमंत्री का विशेषाधिकार है और संघ के बैठक में सरकार के फैसलों को लेकर चर्चा नहीं होती है।