माफिया मुख्तार अंसारी की मुश्किलें बढ़ीं:UP सरकार ने 3 मामलों में बरी करने के खिलाफ HC में दाखिल की अपील

Prayagraj Zone UP

(www.arya-tv.com)इलाहाबाद हाईकोर्ट की लखनऊ खंडपीठ ने दिसम्बर 2020 में बाहुबली विधायक मुख्तार अंसारी को तीन मामलों में बरी करने के MP MLA की विशेष अदालत के फैसलों के खिलाफ राज्य सरकार की ओर से दाखिल तीन अलग अलग अपीलों केा सुनवायी के लिए मंजूर कर लिया है। अदालत ने मुख्तार को नोटिस जारी किया है। कोर्ट ने विशेष अदालत से संबधित तीनों मामलों की पत्रावलियां भी तलब की हैं। कोर्ट ने मामलों की अगली सुनवायी तीन हपते बाद नियत किया है।

यह आदेश जस्टिस रमेश सिन्हा व जस्टिस राजीव सिंह की पीठ ने वीडियो कांफ्रेंसिंग से सुनवायी करते हुए मंगलवार को पारित किया। राज्य सरकार की ओर से अपीलें दायर कर कहा गया था कि मुख्तार के खिलाफ एक गवाह ने अपनी मुख्य परीक्षा में उसके खिलाफ सजा के लिए पर्याप्त गवाही दी थी किन्तु विचारण ने उक्त गवाही को न मानकर मुख्तार केा बरी कर गलती की।

वहीं गैंगस्टर मामले में कहा कि पत्रावलियों पर उपलब्ध साक्ष्यों को विचारण अदालत ने ठीक से परीक्षित नहीं किया और उसे बरी करके गलती की। इसके बाद कोर्ट ने प्रथम दृष्टया सुनवायी करके मुख्तार को नोटिस जारी कर दिया।

MP MLA कोर्ट ने मुख्तार को बरी किया था
दरअसल एमपीएमएलए की विशेष अदालत ने जेलर से गाली गलौज व जानमाल की धमकी देने तथा तत्कालीन अपर महानिरीक्षक कारागार को धमकी देने के एक दूसरे मामले में साक्ष्य के अभाव में मुख्तार अंसारी को गत दिसम्बर में बरी कर दिया था। विशेष अदालत ने थाना हजरतगंज से संबधित गैंगेस्टर के भी एक मामले में भी साक्ष्य के अभाव में अभियुक्त मुख्तार को बरी करने का आदेश दिया था।

अभियेाजन के मुताबिक, 28 अपै्रल, 2003 को लखनऊ के जेलर एसके अवस्थी ने थाना आलमबाग में मुख्तार के खिलाफ एफआईआर दर्ज कराई थी। जिसके अनुसार जेल में मुख्तार अंसारी से मिलने आए लोगों की तलाशी लेने का आदेश देने पर उन्हें जान से मारने की धमकी दी गई थी।

साथ ही उनके साथ गाली गलौज करते हुए मुख्तार ने उन पर पिस्तौल भी तान दी थी। जबकि एक मार्च, 1999 को तत्कालीन अपर महानिरीक्षक कारागार एसपी सिंह पुंढीर ने थाना कृष्णानगर में दर्ज कराई थी। विशेष अदालत में मुख्तार अंसारी के इन दोनों मामलों के अलावा थाना हजरगंज से संबधित गैंगेस्टर एक्ट के मुकदमे की भी सुनवाई हो रही थी।