प्रेमी के सुसाइड के बाद प्रेमिका ने जान दी:उन्नाव के होटल में लगाई फांसी

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(www.arya-tv.com) उन्नाव में फाइनेंस कंपनी में काम करने वाली युवती ने फांसी लगाकर सुसाइड कर लिया। रविवार देर रात उसका शव होटल के कमरे में मिला है। युवती के प्रेमी ने दो दिन पहले यानी शुक्रवार को फांसी लगाकर जान दी थी। इससे वह आहत थी। रविवार सुबह घर से निकली। 2 किमी. दूर होटल में कमरा लिया। रात 10 बजे उसी कमरे में उसका शव मिला। कमरे से एक सुसाइड नोट मिला है। इसमें लिखा है- मां-पापा रोना मत…मैं विशाल के पास जा रही हूं।

युवती का नाम मानसी (26) था। वह शुक्लागंज के अंबिकापुरम में परिवार के साथ रहती थी। पिता रमेश द्विवेदी प्राइवेट जॉब करते हैं। कानपुर के गोविंदनगर में रहने वाले विशाल से मानसी ने कोर्ट मैरिज कर ली थी। हालांकि, विशाल का परिवार शादी के लिए तैयार नहीं था। इसी बात को लेकर दोनों तनाव में थे। पहले विशाल और दो दिन बाद मानसी ने सुसाइड कर लिया।

मानसी के पिता रमेश द्विवेदी ने बताया कि रविवार सुबह मानसी घर से निकली थी। उसने कहा कि विशाल का आखिरी बार चेहरा देखने जा रही है। क्योंकि, विशाल के सुसाइड के बाद से वह दुखी थी। इसलिए हमने भी नहीं रोका। फिर वह कहां गई हमें कुछ पता नहीं था।

मानसी सुबह 10 बजे के करीब घर से निकली। दोपहर में 1.30 बजे घर से 2 किमी. दूर पोनी रोड स्थित एसएस रॉक्सी होटल पहुंच गई। वहां उसने कमरा बुक कराया और अंदर चली गई। करीब 2-3 घंटे तक वह कमरे से बाहर नहीं आई। शक होने पर होटल के मैनेजर करुणा शंकर शुक्ला ने कमरे का दरवाजा खटखटाया। लेकिन कोई रिस्पांस नहीं आया। इसके बाद उन्होंने पुलिस को सूचना दी।

शुक्लागंज के इंस्पेक्टर अवनीश सिंह मौके पर पहुंचे। उन्होंने दरवाजा तुड़वाया। अंदर मानसी का शव फंदे पर लटका मिला। होटल से आईडी लेकर पुलिस ने परिजनों को सूचना दी। इसके बाद शव को फंदे से नीचे उतारकर पोस्टमॉर्टम के लिए भेजा। मैनेजर ने पुलिस को बताया कि किसी गेस्ट के आने की बात कहकर मानसी ने 500 रुपए में कमरा बुक कराया था। सीओ सिटी आशुतोष कुमार ने बताया कि मानसी के परिवार की ओर से कोई तहरीर नहीं मिली है।

कमरे से देसी शराब की बोतल और ब्लेड भी मिला है। मानसी ने फांसी लगाने से पहले नस काटने की कोशिश की। फिर फांसी पर झूल गई। कमरे में युवती के पास से एक सुसाइड नोट भी मिला है। उसमें लिखा है… मां पापा मुझे माफ कर देना।

“मां पापा मुझे माफ कर देना मैं आपकी अच्छी बेटी नहीं बन सकी। मैंने विशाल दुबे से सच्चा प्यार किया था शादी भी की और अब उसके पास जा रही हूं। रोना मत कभी मैं आपको झूठ बोल कर घर से नहीं निकली हूं। मैं उसके बिना नहीं जी सकती। उसके जैसा मुझे पूरी दुनिया में कोई नहीं मिला। मैंने अपनी मर्जी से खुदकुशी की है। मुझे माफ कर देना आप मेरे अच्छे मां-बाप थे और विशाल मेरा अच्छा पति था। मेरा भाई आप दोनों के साथ है। हमेशा खुश रहना। मेरे दो भाई और हैं जिनका नाम विशाल बाजपेई और पवन है। मेरे जीने का कोई मकसद नहीं बचा था।..धन्यवाद, “आपकी मानसी”।