केंद्रीय मंत्री का रिश्तेदार अलीगंज में बंधक, जानें क्या है पूरा मामला

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बरेली(www.arya-tv.com) एक मानसिक मंदित युवक पर दावेदारी को लेकर दो परिवारों में खूनखराबे की नौबत आ गई। केंद्रीय मंत्री के रिश्तेदारों का एक परिवार किला इलाके का है।

एक तरफ जहां लोग अपनों को रखने का तैयार नहीं हैं। वही एक मामला ऐसा भी सामने आया है कि मंदबुद्धि युवक को रखने के लिए दो परिवारों में खून खराब की नौबत आ गई। मंदबुद्धि युवक को दो परिवार अपना होने का दावा कर रहे हैं। पुलिस भी यह तय नहीं कर पा रही है कि मानसिक मंदित युवक आखिरकार दोनों परिवारों में से किसका है।

किला इलाके के जखीरा मोहल्ले में घेर शेख मिट्ठू में रहने वाले अजादार हुसैन खुद को एक केंद्रीय मंत्री का रिश्तेदार बताते हैं। बकौल अजादार, उनका भाई जुल्फिकार हुसैन उर्फ बिट्टू मानसिक मंदित है। 18 फरवरी को वह अचानक घर से लापता हो गया।

काफी तलाश करने के बाद भी जब उसका कुछ पता नहीं चल सका तो उन्होंने 22 फरवरी को किला थाने में उसकी गुमशुदगी की रिपोर्ट दर्ज करा दी। कुछ ही दिन बाद अजादार को पता चला कि जुल्फिकार अलीगंज कस्बे के एक परिवार में है।

अजादार के मुताबिक वह कुछ लोगों के साथ अलीगंज पहुंचे। वहां बिट्टू मोहम्मद अली उर्फ बब्बर के घर में था। बब्बर उनकी बात भी सुनने को तैयार नहीं हुआ तो वह थाना किला से दरोगा रहमत अली और दो सिपाही लेकर दोबारा अलीगंज पहुंचे।

उन्होंने जुल्फिकार को अपने साथ ले जाने की कोशिश की तो सिर्फ बब्बर का परिवार ही नहीं कस्बे के लोग भी पुलिस के विरोध में आ गए। जुल्फिकार को पुलिस थाना अलीगंज लाई तो तो ग्रामीणों ने थाना घेर लिया।

थाने में बब्बर ने कहा कि जिसे जुल्फिकार बताया जा रहा है, वह उनका भाई बौरा है जो बचपन से ही मानसिक मंदित है। आठ साल पहले वह लापता हो गया था। अब अचानक गांव लौट आया है।

उन्होंने बैंक की एक पासबुक भी दिखाई जिसमें बौरा का आठ साल पहले का फोटो चस्पा था। फोटो बौरा से मिलता-जुलता था। हालांकि फोटो में उसके चेहरे पर दाढ़ी है जो अब नहीं है। अजादार ने अपना दावा साबित करने के लिए पुलिस को 1995 की वोटर आईडी और आधार कार्ड दिखाया। उन्होंने बताया कि जुल्फिकार को उनके मोहल्ले का हर व्यक्ति जानता है।