भारतीय छात्रों के साथ सौतेला व्यवहार कर रहा है यूक्रेन, देश लौटे छात्र ने बताई कहानी

Kanpur Zone

(www.arya-tvcom) कानपुर में चकेरी के मंगला विहार सेकेंड निवासी सेवानिवृत्त कैप्टन विजय यादव के बेटे निर्दोष यादव बुधवार को घर पहुंच गए। सकुशल लौटे बेटे को गले से लगाकर माता-पिता फफक पड़े। कहा कि जब तक हालात सामान्य नहीं हो जाते बेटे को यूक्रेन नहीं भेजेंगे।

निर्दोष इवानो मेडिकल यूनिवर्सिटी के छात्र हैं। वे मंगलवार को दिल्ली एयरपोर्ट पहुंच गए थे। निर्दोष ने बताया कि यूक्रेन में भारतीयों के साथ सौतेला व्यवहार किया जा रहा है। पहले यूक्रेन के लोगों को सुरक्षित निकाला जा रहा है। 500 में बमुश्किल 30 भारतीयों को निकलने का मौका मिलता है। निर्दोष ने कहा कि भारतीयों को निशाना बनाने के पीछे यूक्रेन की सोची समझी चाल है।

वह भारत सरकार को वैश्विक स्तर पर अपने पक्ष में करना चाहता है। कहा कि बार्डर पर यूक्रेन के लोगों के लिए अलग गेट बने हैं, भारतीयों के लिए अलग। वह भी थोड़ा सा खोला जाता है। बार्डर पर पहुंचने के लिए 20 से 30 किलोमीटर पैदल चलना पड़ता है।

किसी भी बस में खड़े होकर सफर करना प्रतिबंधित है। ऐसे में छात्रों को बसें भी मुश्किल से मिल रहीं हैं। सबसे अधिक परेशानी कीव में फंसे लोगों को उठानी पड़ रही हैं। क्योंकि वहीं पर हमले हो रहे हैं। लोग घर, मेट्रो, संस्थाओं आदि में बने बंकरों में छिपे हैं। रुपये न होने से खाने पीने की परेशानी है।

निर्दोष ने बताया कि वहां की गवर्नमेंट भारतीय दूतावास का सहयोग नहीं करती। निर्दोष ने कहा कि अगर समय रहते भारत सरकार से सही दिशा-निर्देश मिल जाते तो यह परेशानी न खड़ी होती। बताया कि कॉलेज में 100 प्रतिशत उपस्थिति अनिवार्य है।

इसलिए कोई छात्र अपना भविष्य दांव पर नहीं लगाना चाहता। इसी वजह से शुरू में छात्र वहां से नहीं निकले। निर्दोष ने बताया कि वापसी के लिए टाटा एयरलाइंस का टिकट एक लाख रुपये से अधिक का मिला। पहले यह 25 हजार में था।